एक पाती ….
नो लौट के आ जाओ वापस फिर एक बार,
मुझे तुमसे बहुत कुछ कहना है सुनना है,
रूठ के दूर तुम ऐसे कैसे चले गये,
हमें तुम्हें एक दूजे के दिल में रहना है।
कुछ तो दोनों के बीच में अभी बाकी है,
आधा अधूरा सा वो ख्वाब है जो अभी,
अबकी बार वो सब मुझे पूरा करना है,
मेरे इस दिल को भी तसल्ली मिलेगी तभी।
याद है वो तुम्हे तुम्हारी शर्ट का बटन,
जो पिछली बार पार्टी मे वो टूट गया था,
वो मुझको तुम्हारी शर्ट में लगाना है,
वो कुछ माथे पे लेना है जो अधूरा था।
अब सर्दी आने वाली है अगले महीने,
पिछले साल का स्वेटर पूरा करना है,
और पीछे के पल्ले का नाप लेना है,
इस साल स्वेटर तुम्हें जरूर पहनाना है।
और हां अबकी जब आओगे तो फोन करना, तुम्हारे मन का खाना बनाके रखूंगी,
खाने के बाद में तुम्हें मीठा पसंद है,
बहुत सारे गुलाब जामुन बना कर रखूंगी।
बस एक बार तुम चले आओ मेरे पास,
बस एक बार तुम चले आओ मेरे पास।
©झरना माथुर, देहरादून, उत्तराखंड