लेखक की कलम से

देश सेवक …

 

हम देश के माली है, देश सजायेगे।

देशभक्ति के बीज हर दिल में  सींचेगे।

वीरो की भूमि का हम मान बढायेगे।

नव कोपलो  में देशप्रेम  रचाऐगे।

नव पीढी गायेंगी  विजय की गाथा।

मेरे देश के भविष्य  को उज्जवल  कर जायेगे।

हम शिक्षक आज से मिलकर शपथ खाए येगे।

देश की नव पीढी का भविष्य  सुनहरा होगा।

भष्टाचार  से मुक्त  मेरा भारत होगा।

कच्ची बुद्धि को तराश कर हम शिक्षक

अच्छा इंसान  बनने का सबक सीखायेगे।

हम देश के माली है हम देश सजायेगे।

भारत की नव पीढी को परोपकार,सहयोग सच्चाई से

अवगत करायेगे।

नन्हें बच्चे जब बड़े हो जाएगे।

शिक्षित समाज  में अपनी पहचान  बनायेगे।

सतरंगी सपनो से सुंदर  देश, हरियाली  खुशहाली से लहराएगे  खेत।

कोई किसान जब आत्महत्या ना करेगा।

सोने की चिड़िया सा मेरा देश चमकेगा

शांति  सौहार्द  से सरहद महकेगी।

अपने  पन की खुशबू विश्व  में महके गी।

महामारी पर निजात पाकर

मिलजुल कर आजादी का त्यौहार मनायेगे।

हम देश के शिक्षक मानवता का पाठ पढायेगे।

भारत में सुख शान्ति का उत्सव मनायेगे।

नव पीढी का भविष्य  उज्जवल  करने का प्रण

उठायेगे।

भारत भूमि का गौरव गान विश्व में फैलायेगे।।

 

©आकांक्षा रूपा चचरा, कटक, ओडिसा                         

Back to top button