मध्य प्रदेश

सीएम शिवराज से मप्र प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने की भेंट

राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग की मांगों पर सहृदयतापूर्वक विचार करने का अनुरोध किया

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मध्यप्रदेश प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष जी.पी. माली के नेतृत्व में संघ के प्रतिनिधियों ने भेंट कर राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग की मांगों पर सहृदयतापूर्वक विचार करने का अनुरोध किया। संघ ने राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग के सुदृढ़ीकरण के लिए सुझाव प्रस्तुत किए हैं। संघ द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की पदस्थापना राज्य शासन स्तर से किए जाने, अपर कलेक्टर के पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पदस्थ करने आदि मांगों पर विचार करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री निवास समत्व भवन में भेंट के दौरान संघ की प्रभारी महा सचिव सुश्री किरण गुप्ता, सर्वश्री संजय श्रीवास्तव, राजेश गुप्ता, पी.सी. शाक्य, अरुण सिंह, आकाश श्रीवास्तव, क्षितिज शर्मा, जमील खान और कमल सोलंकी उपस्थित थे।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने देखा ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन
केन्द्र सरकार द्वारा देश के 8 प्रदेश में ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट में कार्य किया जायेगा। स्मार्ट सिटी की तर्ज पर शहर का चयन कर सम्पूर्ण विकास के कार्य किए जायेंगे। मध्यप्रदेश के तीन शहर देवास, पीथमपुर और ग्वालियर का चयन राज्य सरकार द्वारा किया गया है। इन तीनों शहरों का ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। ग्वालियर ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट की परियोजना ईवाय कंपनी के माध्यम से तैयार की जा रही है। कंपनी द्वारा तैयार की गई परियोजना का प्रेजेंटेशन गुरूवार को ग्वालियर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के समक्ष भी किया गया। ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट में तैयार की जा रही परियोजना से ग्वालियर में विकास के नए द्वार खुलेंगे। साडा क्षेत्र का भी बेहतर विकास हो सकेगा। कंपनी द्वारा प्रेजेंटेशन से परियोजना में किए जाने वाले कार्यों के संबंध में जानकारी दी गई। ग्वालियर के संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट में ग्वालियर में विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण की 680 हैक्टेयर क्षेत्र में यह परियोजना तैयार की जा रही है। लगभग तीन हजार करोड़ रूपए की इस परियोजना में केन्द्र सरकार की ओर से भी एक हजार करोड़ रूपए की धनराशि मुहैया कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि परियोजना को मंजूरी मिलेगी तो ग्वालियर में एक नया ग्वालियर बनेगा। परियोजना में अधो-संरचना के साथ व्यवसायिक एवं अन्य क्षेत्रों का भी विकास होगा।
आधार का उपयोग बढ़ाने, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण क्रियान्वयन निगरानी समिति पुनर्गठित
आधार का उपयोग बढ़ाने एवं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए राज्य शासन ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पूर्व में (2016 में) गठित समिति का पुनर्गठन किया है। समिति में प्रमुख सचिव/सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण, स्कूल शिक्षा, महिला-बाल विकास, जनगणना निदेशक, मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के प्रतिनिधि, राज्य नोडल अधिकारी ई-गवर्नेंस, उप-महानिदेशक यूआईडीएआई क्षेत्रीय कार्यालय, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम सदस्य और प्रमुख सचिव/सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सदस्य सचिव होंगे। भारतीय यूनिक पहचान प्राधिकरण की अनुशंसाओं के क्रियान्वयन एवं नागरिकों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए पुनर्गठित समिति द्वारा आधार नामांकन और अद्यतनीकरण पारिस्थितिकी-तंत्र के कार्यान्वयन की निगरानी, आधार पहचान प्लेटफॉर्म के उपयोग की समीक्षा, नागरिक शिकायतों के निवारण की प्रगति की निगरानी, आधार पारिस्थितिकी-तंत्र के भागीदार की सूचना सुरक्षा और गोपनीयता प्रथाओं की समीक्षा, जिला स्तरीय आधार निगरानी समितियों का पर्यवेक्षण, मार्गदर्शन और राज्य सरकार के पोर्टल की कार्य-प्रणाली की निगरानी के कार्य किये जायेंगे।
ग्राहक मध्यस्थता समाधान शिविर में होगा लंबित प्रकरणों का निराकरण
मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग एवं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में लंबित प्रकरणों का निराकरण विशेष अभियान में शिविर लगा कर किया जायेगा। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस शांतनु एस. केमकर के निर्देशन में 16 दिसम्बर, 2022 को यह शिविर लगाये जायेंगे। शिविर राष्ट्रीय स्तर पर ‘ग्राहक मध्यस्थता समाधान’ के तहत राज्य एवं जिला उपभोक्ता आयोग के कार्यालयों में लगाये जायेंगे। आयोग के प्रशासनिक अधिकारी राजीव शर्मा ने बताया कि इस विशेष अभियान में प्रकरणों के निराकरण के लिये इच्छुक पक्षकार एवं अधिवक्ता से 8 से 13 दिसम्बर तक प्री-सिटिंग की कार्यवाही की जायेगी। सभी संबंधितों से आग्रह किया गया है कि शिविर के माध्यम से अपने विचाराधीन प्रकरणों के निराकरण करायें।
एआईएसएचई पोर्टल पर डाटा समय-सीमा में सबमिट करें : कमिश्नर
उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर कर्मवीर शर्मा ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, विभाग के अतिरिक्त क्षेत्रीय संचालक और अग्रणी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को ‘ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (एआईएसएचई)’ पर डाटा अद्यतन एवं पंजीकरण की कार्यवाही अनिवार्य रूप से समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। श्री शर्मा गुरूवार को ऑनलाइन बैठक को संबोधित कर रहे थे। श्री शर्मा ने कहा कि एआईएसएचई से देश के मानचित्र पर हम प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों की श्रेष्ठ स्थिति को दर्शाने में सफल हो पायेंगे। इसलिये सभी शैक्षणिक संस्थान 20 जनवरी 2023 तक पोर्टल पर अनिवार्य रूप से डाटा अद्यतन और पंजीकरण की कार्यवाही पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य को प्राथमिकता देते हुए नियमित मॉनिटरिंग करनी होगी। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय शिक्षा सर्वेक्षण से उच्चतर शिक्षण संस्थानों के शिक्षक-विद्यार्थी नामांकन, परीक्षा परिणाम, शिक्षा-वित्त, बुनियादी ढ़ाँचे जैसे मापदंडों का डाटा एकत्रित किया जाता है। इस डाटा से सकल नामांकन अनुपात, विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात, लिंग-समानता सूचकांक आदि की गणना की जाती है। इस सर्वे से प्राप्त जानकारी उच्चतर शिक्षा के विकास के लिये नीतिगत निर्णय लेने में उपयोगी साबित होती है।

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