मध्य प्रदेश

प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले उज्जैन निगम कमिश्नर अंशुल गुप्ता को हटा संदीप सोनी को दिया गया अतिरिक्त प्रभार …

भोपाल. प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन नगर निगम कमिश्नर अंशुल गुप्ता को हटा दिया है. उन्हें उप सचिव बनाकर मंत्रालय भोपाल भेज दिया गया है. उनकी जगह महाकाल मंदिर के प्रशासक व उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी को नगर निगम कमिश्नर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. सोनी 2008 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं.

गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 2016 बैच के आईएएस अधिकारी अंशुल गुप्ता को नगर निगम उज्जैन कमिश्नर पद से हटाकर उप सचिव मध्य प्रदेश शासन पदस्थ किया जाता है. संदीप सोनी महाकाल मंदिर के प्रशासक के साथ उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं. संदीप सोनी 2008 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. नगर निगम कमिश्नर अंशुल गुप्ता का पद से हटाया जाना इसलिए भी चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को उज्जैन आने वाले हैं. यहां वो महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे. उनके दौरे से ठीक पहले निगम कमिश्नर को हटा दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक अंशुल गुप्ता पर तबादले की गाज काम में लापरवाही के चलते गिरी है. एक दिन पहले ही सीएम शिवराज और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह उज्जैन में प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि इस दौरान वहां अव्यवस्था देखकर भूपेंद्र सिंह ने अपनी नाराजगी निगम कमिश्नर से जाहिर की थी. निगम कमिश्नर अंशुल गुप्ता के हटने के पीछे इन सब कारणों को ही वजह माना जा रहा है.

पीएम के दौरे से ठीक पहले नगर निगम कमिश्नर को हटाए जाने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने एक वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए लिखा है कि दरअसल निगम कमिश्नर को इसलिए हटाया गया है, क्योंकि उज्जैन दौरे के दौरान सीएम शिवराज के काफिले में एक गाय घुस गई थी. इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि सीएम के काफिले के गुजरने के दौरान उसके बीच कुछ गाय अचानक आ जाती हैं. हालांकि बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों को निराधार बताया है.

प्रधानमंत्री द्वारा महाकाल लोक के लोकार्पण से पहले अचानक हुए इस तबादले पर प्रशासनिक महकमे में हड़कंप है। वहीं, तबादले के बाद नगर निगम में जश्न का माहौल है। गुरुवार दोपहर कर्मचारियों ने नगर निगम परिसर में ही पटाखे फोड़े और ढोल बजवाए। आइएएस अंशुल गुप्ता का कार्यकाल विवादों से जुड़ा रहा। उच्च अधिकारियों से तालमेल का अभाव, मनमर्जी और कार्य में लापरवाही उनके स्थानांतरण के मुख्य कारण बताए जा रहे हैं। विजयदशमी पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ आए कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह भी उन पर नाराज हुए थे। कहा था- काम बहुत सुस्त है। कलेक्टर आशीष सिंह से भी अंशुल गुप्ता की पटरी नहीं बैठ रही थी। यह बात भोपाल बैठे आला अधिकारियों को भी पता थी। माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री के दौरे के बाद गुप्ता का ट्रांसफर हो जाएगा। मगर, गुरुवार को ही आदेश निकाल दिया गया।

इन विवादों से भी घिरे रहे अंशुल गुप्ता

  1. –   निगम कमिश्नर संदीप गुप्ता भोपाल से मिले निर्देशों के बाद भी लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों को बचाते रहे।
  2. –   निगम के ही अपर आयुक्त आरएस मंडलोई से उनकी पटरी नहीं बैठी, कई बार उनके बीच विवाद खुलकर सामने आए।
  3. –    ठेकेदारों का भुगतान अटकाया। एक ठेकेदार ने नगर निगम परिसर में ही जहर खा लिया था।
  4. –   त्रिवेणी संग्रहालय में बनाई जा रही सरफेस पार्किंग के एक टेंडर में गड़बड़ी के भी गुप्ता पर आरोप लगे। उन्हें लोकायुक्त ने भी तलब किया था।
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