छत्तीसगढ़पेण्ड्रा-मरवाही

मरवाही क्षेत्र के कई गांवों में विगत 48 घण्टे से लाइट नहीं है, जनता त्रस्त-अधिकारी मस्त

मरवाही (अनुपम शुक्ला)। जब गौरेला पेंड्रा मरवाही नया जिला बना तो यहाँ के लोगों को बडी आशा थी कि यह क्षेत्र भी अब विकास की नई इमारत गढ़ेगा परन्तु ऐसा होते हुए दिखाई नहीं दे रहे है। विकास की बात तो दूर यहाँ अब मूलभूत सुविधाओं के लिये भी लोगों को दो चार होना पड़ रहा है।और विधुत जैसे अनिवार्य आवश्यकता के लिए भी दो दो दिन इंतजार करना पड़ रहा है।

बात मरवाही क्षेत्र की है जहां उत्तर मरवाही में 48 घण्टे से लाइट बन्द है और अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है। आप सोच सकते हैं कि इस आदिवासी क्षेत्र में यदि 48 घण्टे से लाइट बन्द हो वहाँ के जनता की स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा आप भली भांति लगा सकते हैं।

वैसे भी बरसात का मौसम आ चुका है और तरह तरह के जीव जंतु जैसे सर्प बिच्छू व अन्य जहरीले कीड़े आदि का निकलना आम बात है पर यदि इन सब के बीच यदि लाइट न हो तो इसका खतरा और भी बढ़ जाता है। इन सबके अलावा विधुत के बिना लोगों को मूलभूत आवश्यकता जैसे पानी जैसे चीज के लिए भी अब तरसना पड़ता है।

अलबत्ता विद्युत विभाग को इन सब चीजों से कोई लेना देना नहीं है शायद इसलिए तो यहाँ दो दो दिन हो जाता है लाइट नहीं रहती। अगर विद्युत कार्यालय फोन भी लगाया जाता है तो अधिकारी विधुत को कोटमी अथवा कोरबा से फाल्ट है बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं और क्षेत्रवासी विद्युत के इंतजार में दिन रात काटते रहते हैं।

वहीं क्षेत्र के विपक्षी पार्टियों के नेताओं का कहना है कि सत्ताधारी दल में ये होना आम बात है। क्षेत्र के नेता तो फोटोबाजी व्यस्त हैं, जनता की समस्याओं से उनको कोई लेना देना नहीं है।

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