छत्तीसगढ़मुंगेली

पटवारियों ने होम आइसोलेशन में जाने का लिया फैसला, ज्ञापन सौंपते समय दिखा पटवारियों का दर्द

मुंगेली (अजीत यादव) । जिले के पटवारियों ने 14 दिन के लिए होम आइसोलेशन में जाने का फैसला लिया है। अपने इस निर्णय की जानकारी आज उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर दी है। उन्होंने ऐसा करने पर कलेक्टर ने उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। मीडिया से बात करते हुए पटवारियों का अपने दर्द का बयां किए।

संघ के जिला अध्यक्ष टी आरिफ ने बताया कि जिले के सभी पटवारियों ने सामूहिक रूप से 14 दिन के होम आइसोलेशन में जाने का फैसला लिया है। वह 22 सितंबर से 5 अक्टूबर तक होम आइसोलेशन में रहेंगे। आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर उन्होंने कलेक्टर को इसकी जानकारी दी है।

होम आइसोलेशन में जाने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से फ्रंट लाइन में काम कर रहे हैं। फिर चाहे बात गांवो में किसानों के बीच पहुंचकर गिरदावरी की हो या फिर कोरोना ड्यूटी की हो। उन्होंने शासन से कोई सुविधा उपलब्ध हुए बिना ही कोरोना काल मे इन कार्यो को पुरा किये है इसलिए आज कोरोना के खतरे से बचने के लिए संघ ने होम आइसोलेशन में जाने का फैसला लिया है।

संघ के पदाधिकारियों ने इस दौरान अपनी दुख व्यक्त करते हुए बताया की कोरोना काल की शुरुआत से लेकर अब तक वे सरकार की उदासीनता के शिकार होते आए हैं। चेकपोस्ट ड्यूटी, मजदूरों के कवारेंटाइन, कन्टेमेंट जोन के नक्से खसरे, रायपुर से कोरोना मरीजो के शव लाने ले जाने से लेकर उनका अंतिम संस्कार, गांवो में किसानों के बीच पहुंचकर गिरदावरी तक के काम उन्होंने प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर किया है। लेकिन उन्हें कभी कोरोना वैरीयर्स का सम्मान नहीं दिया गया। यही नही ना तो ड्यूटी तो दौरान उन्हें कोरोना से बचाव के लिए कोई किट उपलब्ध करवाई गई और ना ही उनके परिवार की सुरक्षा के लिए बीमा सुविधा उपलब्ध करवाई गई।

संघ के पदाधिकारियों ने कहा की होम आइसोलेशन में जाने के फैसले में वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। यदि सरकार उन्हें इसकी अनुमति नही देती तो वे नो वर्क नो पेमेंट पर होम आइसोलेशन जाएंगे। पटवारियों ने बताया कि अब तक प्रदेश भर में 70 से ज्यादा पटवारी संक्रमित हो चुके हैं जबकि 2 पटवारी अपनी जान गवा चुके हैं। पटवारियों ने अपने फैसले से प्रदेश के बड़े अधिकारियों और नेताओ के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया है।

कलेक्टर पीएस एल्मा ने पटवारियों की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के छोटे कर्मचारियों से लेकर बड़े अधिकारियों तक सभी कोरोना काल में फ्रंट लाइन पर काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें अलग से होम आइसोलेशन में जाने की जरूरत नहीं है। यदि कोई पटवारी कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो शासन द्वारा उसका इलाज कराया जाएगा, और यदि कोई पटवारी बिना संक्रमण के होम आइसोलेशन जाता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। पटवारियों की बीमा सुविधा की मांग को उन्होंने इसे राज्य स्तर का मामला बातकर बोलकर कुछ कुछ बोलने से से मना कर दिया।

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