मध्य प्रदेश

संविदाकर्मियों की राजधानी में महापंचायत आज, बढ़ सकता है वेतन

भोपाल। विधानसभा चुनाव के पहले शिवराज सरकार कर्मचारियों को साधने में जुटी हुई है। चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा, रोजगार सहायकों के पंचायत सचिव बनने का अवसर देने के बाद अब संविदा कर्मियों की लंबित मांगों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को महापंचायत बुलाई है। इसमें संविदा कर्मचारी को 90 प्रतिशत के स्थान पर सौ प्रतिशत वेतन देने और सीधी भर्ती के पदों में कोटा 20 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांगों को पूरा करने पर निर्णय हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में ढाई लाख संविदा कर्मचारी हैं। इसको ध्यान में रखते हुए संविदा कर्मचारियों की मंगलवार को भोपाल के लाल परेड मैदान पर महापंचायत बुलाई गई है, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। रविवार को ही सामान्य वर्ग आयोग के अध्यक्ष शिव चौबे और कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा के साथ संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। इसके पहले सामान्य प्रशासन और वित्त विभाग के अधिकारियों की बैठक हो चुकी है। सूत्रों का कहना है कि संविदा कर्मचारियों की सेवा निरंतर रखने के लिए उनसे प्रतिवर्ष स्व-मूल्यांकन प्रतिवेदन लिया जाता है। इसके आधार पर ही निर्धारित होता है कि सेवा निरंतर रखनी है या नहीं।

इनसे जिस पद का काम लिया जाता है, उसका 90 प्रतिशत वेतन ही दिया जाता है। जबकि, कर्मचारियों का कहना है कि समान पद समान वेतन की व्यवस्था लागू होनी चाहिए। अनुभव के आधार पर रिक्त पदों पर नियमित किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य सुविधा के लिए अन्य कर्मचारियों की भांति पांच लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिले। अनुकंपा नियुक्ति और ग्रेच्युटी होना चाहिए। मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण सकारात्मक है, इसलिए पूरी उम्मीद है कि संविदा कर्मियों की लंबित मांगें पूरी होंगी।

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