छत्तीसगढ़

गुहा जयंती पर मड़ई मेला और भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन

राजिम। भारत माता के अमर सपूत नेताजी सुभाष चंद्रबोस की जन्म दिवस पर समीपवर्ती ग्राम भेंड्री में निषादराज गुहा जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें मड़ाई मेला के साथ-साथ संध्याकालीन कार्यक्रम के तहत, “एक शाम शहीदों के नाम’ पर ग्राम भेंडरी के लाडले बेटे अमर शहीद बलराम ध्रुव की स्मृति में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कवि सम्मेलन में अंचल के ख्यातिप्राप्त साहित्यकारों ने शिरकत करते हुए अमर शहीदों को अपनी काव्यांजलि दी। कार्यक्रम के प्रथम कवि के रूप में मकसूदन साहू बरीवाला ने शहीदों को याद करते हुए कहा “तोर बड़ सुरता आथे मोर बेटा बलराम, दुश्मन के तेहा कर देस जीना हराम।” पढ़कर माहौल को शुरू से देशभक्ति के रंग में रंग दिया।

युवा कवि छग्गू यास अड़ील ने दुश्मनों को चेतावनी देते हुए कहा कि “तुम अपनी औकात में रहना, नहीं तो हम अपनी औकात दिखा देंगे। विश्व के नक्शे से तेरे पाक का नाम मिटा देंगे। सुमधुर गीतों के गीतकार किशोर कुमार निर्मलकर ने अपनी बानगी पेश करते हुए कहा कि, “तुम मुझे मना लेना, मैं तुझे मना लूंगा।” के माध्यम से मंच को ऊंचाई प्रदान किया तो रोहित माधुर्य ने कहा माँ भारती पुकारती मेरा लाल चाहिए”, सुमधुर गीतकार, कवि कोमल सिंह साहू ने अमर सपूत बलराम ध्रुव को समर्पित रचना ‘आज स्वर्ग बरोबर लागत है, मोर छोटकुन गांव, अमर होगे बेटा बलराम तोर नांव’ पढ़कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए भावुक कवि मोहनलाल मानिकपन ने अपने अंदाज में काव्य रचना करते हुए कहा, न जमीं देना न आसमां देना, प्रस्तुत कर खूब वाह वाही लूटी, देशभक्ति के जोश को आगे बढाते हुए कवि संतोष कुमार प्रकृति ने कहा, युवा वायु बनकर जग को जीवन देती है, युवा गर आँधी बन जाये, सबका प्राण हर लेती है” पढ़कर लोगों को सकारात्मक सोच का संदेश दिया।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे श्रवण कुमार साहू, “प्रखर” ने शहीदों की शहादत के पश्चात परिवार के अन्य लोगों पर  जो बीतता है उसे मार्मिक रूप से प्रस्तुत करते हुए कहा कि “भारत माँ का बच्चा-बच्चा तेरी याद में रोया था, ये मत पूछो तेरे पीछे किसने क्या-क्या खोया था।”, जिसे सुनकर उपस्थित साहित्य प्रेमी भावुक हो उठे और लोगों की आँखें नम हो गईं।

समारोह में ग्राम के जाने माने शिक्षाविद भूषण लाल साहू, सेवानिवृत्त उच्च श्रेणी शिक्षक एवम विष्णु लाल ध्रुव सेवानिवृत्त प्रधान पाठक को उनके सेवाभावी शिक्षा कार्य हेतु शाल-श्रीफल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह  भेंटकर सम्मानित किया गया। इसी कड़ी में शहीद बलराम ध्रुव के पिता श्रीराम प्रसाद ध्रुव व माता श्रीमती मायादेवी ध्रुव का शाल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। उसके पश्चात साहित्यकारों को आयोजन समिति द्वारा शाल-श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जोहत राम निषाद पाली अध्यक्ष निषाद समाज ने कहा कि संत और सिपाही दोनों ही देश के रक्षक होते हैं। वरिष्ठ समाजसेवी प्रीतराम देवांगन व बहुर राम निषाद ने कहा कि साहित्य हमारे संस्कृति का रक्षण करती है और साहित्यत्कार हमारे समाज का धरोहर है। कार्यक्रम को सफल बनाने में निषाद समाज भेंडरी के सभी पदाधिकारियों सदस्यों व गांव के घनश्याम साहू, डॉ गिरीश साहू, नीलकंठ सिन्हा, कृपाल निषाद, सुरेश साहू, चेतन साहू, शत्रुहन साहू, डोसन सिन्हा, शत्रुहन सिन्हा, आशा राम साहू, बलराम निषाद, प्रह्लाद ध्रुव सहित सभी ग्रामवासियों का योगदान रहा।

©श्रवण साहू की रपट

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