छत्तीसगढ़बिलासपुर

शांति, गम्भीरता, निर्माणचित्त, सरलता व स्थिरता की प्रतिमूर्ति थीं दादी- मंजू दीदी

बिलासपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी के 11 मार्च को देहावसान के पश्चात् आज गुरूवार को टिकरापारा सेवाकेन्द्र में भोग लगाया गया व सभी ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदीजी ने बतलाया कि पिताश्री ब्रह्मा बाबा के पश्चात् दादी हृदयमोहिनी जिन्हें दादी गुलजार भी कहते हैं, उनके तन में लगभग 50 वर्षों तक परमात्म शक्ति के अवतरण से लाखों भाई-बहनों ने आत्मिक परवरिश प्राप्त की। दादी किसी भी कार्य को बोलकर सिखाने की अपेक्षा अपने कर्मों से शिक्षा देती थीं।

गुणमूर्त दादी गुणों की भण्डार थीं, पवित्रता व सादगी के साथ -साथ शांति, गम्भीरता, निर्माणता, सरलता व स्थिरता जैसे गुणों से दादी संपन्न थीं।

क्लास के पश्चात् सभी बहनों ने दादी के निमित्त परमात्मा को भोग स्वीकार कराया। सभी ने मौन श्रद्धांजलि देकर प्रसाद ग्रहण किया। सेवाकेन्द्र पर आयोजित इस कार्यक्रम में साधकों के अतिरिक्त अन्य भाई-बहनें ऑनलाइन भी शामिल हुए।

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