सत्कार …
सबका सत्कार है
जीवन पथ में अविरल बहने
के क्रम में,
फूल,पत्ते रंग,सुगंध ही नहीं,
कंकड,ईट,पत्थर,बालू,कादा,किचड
सब का हृदय से आभार है
सबका सत्कार है
जीवन पथ में सबका सत्कार है..
समंदर से मिलने के लिए,
लम्बी यात्रा पर निकल के लिए
सत्य कर्म अनिवार्य है
बिना रूके हरदम डटे रहना
लघु लोल सा बहना
स्वीकार है
जीवन पथ में हर कर्म अनिवार्य है
सबका अंतस आभार है
सबका सत्कार है
जीवन पथ में सबका सत्कार है..
निरंतर गतिशील ही जीवन है
कदमताल अनिवार्य है
मार्ग समतल हो
या घुमावदार,
पहाड़ी चढाई हो
या अतल अपार,
निर्बाध क्रम में एकाग्र होना
अनिवार्य है
सबका सत्कार है
जीवन पथ में सबका सत्कार है…
समतल या अनगढ़
चरणों का करताल
अनिवार्य है
जीवन दौड़ में
जीत या हार
सब शिरोधार्य है
प्रयासरत ही मूलाधार है
कर्म की श्रेणी नहीं
समर्पण ही अनिवार्य है
सबका सत्कार है
जीवन पथ में सबका सत्कार है..
हिय से सबका
उपकार है
जीवन पथ पर
जो भी प्राप्त है
सबका आंतरिक आभार है।
सबका सत्कार है
जीवन पथ में सबका सत्कार है…
©अल्पना सिंह, शिक्षिका, कोलकाता