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राजस्थान सरकार ने कांग्रेस विधायकों के घरों में सुरक्षा के लिए किए पुलिस तैनात

जयपुर। राजस्थान में जारी राजनीतिक घटनाक्रमों को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर कांग्रेस विधायकों के घरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सरकार को यह आशंका है कि विधायकों के घरों में उपद्रवी गड़बड़ी कर सकते हैं।

उपमुख्यमंत्री पद से सचिन पायलट की बर्खास्तगी के बाद  करौली व सवाईमाधोपुर जिले में गहलोत समर्थक विधायकों के घरों पर सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात कर दी गई है। हालांकि विधायक जयपुर में कांग्रेस की बाड़ेबंदी में है। उपद्रव की आशंका पर पुलिस लगाई है।

करौली, सवाईमाधोपुर, भरतपुर व धौलपुर जिले में गुर्जर मतदाता बहुसंख्यक है। इस कारण पुलिस को आशंका है कि कुछ गुर्जर युवक गहलोत समर्थक विधायकों के घरों के आस-पास प्रदर्शन कर सकते हैं। इस प्रकार की सूचना भी पुलिस को मुखबीरों से मिल रही थी, जिस पर पुलिस ने बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक लाखन सिंह मीना व हिण्डौन सिटी विधायक भरोसी जाटव के घर पर पुलिस का जाप्ता लगाया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि हिण्डौन सिटी विधायक पर गत दिनों उनके घर पर ही हमले का प्रयास हुआ था, एक युवक ने बंदूक तान धी। तब विधायक की सुरक्षा के लिए कांस्टेबल लगाए थे, लेकिन अब हथियार बंद पुलिस का जाप्ता लगाया गया है। इसके अलावा गंगापुर सिटी विधायक रामकेश मीना, सवाईमाधोपुर, बामनवास व खंडार विधायक के घरों के आस-पास भी पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। गहलोत समर्थक विधायक जयपुर में कांग्रेस की बाड़ेबंदी में है।

    दो पायलट, दो गहलोत गुट में     

करौली जिले की चारों विधानसभाओं से कांग्रेस के विधायक है। जिनमें से मंत्री पद से हटाए गए रमेश मीना, टोडाभीम के विधायक पीआर मीना सचिन पायलट गुट के साथ है। हिण्डौन सिटी के विधायक भरोसीलाल व करौली के विधायक लाखन सिंह मीना गहलोत गुट के साथ है। लाखन मीना पहली बार बसपा से चुनाव जीतकर कांग्रेस में शामिल हुए थे। करौली के सपोटरा से लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने वाले रमेश मीना को मंत्री बनाया गया था, लेकिन अब उन्हें हटा दिया गया। इस कारण बसपा से कांग्रेस में शामिल विधायक लाखन सिंह मीना के मंत्री बनने की संभावना जताई जा रही है। सवाईमाधोपुर जिले के चारों विधायक गहलोत गुट में है।

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