मध्य प्रदेश

गीता प्रेस को सम्मान के विरोध पर सीएम शिवराज व पूर्व सीएम उमा भारती ने कांग्रेस पर साधा निशाना

नरोत्तम मिश्रा ने इसे कांग्रेस नेताओं की विकृत मानसिकता तो मंत्री उषा ठाकुर ने इसे राष्ट्रद्रोही चरित्र बताया

भोपाल। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया था कि- गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने का केंद्र सरकार का फैसला सावरकर और नाथूराम गोडसे को सम्मान देने जैसा है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी जयराम रमेश के बयान का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि गीता प्रेस महात्मा गांधीजी के विचारों से सहमत नहीं थी। अब गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने का विरोध कर कांग्रेस एक बार फिर बीजेपी के निशाने पर आ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कांग्रेस पर निशाना साधा है।

उमा ने कहा- गीता प्रेस के योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार भी कम पड़ेगा

उमा भारती ने ट्वीट किया, गीता प्रेस का भारतीय संस्कृति, हिंदुत्व एवं अध्यात्म में हमेशा अद्वितीय योगदान रहा। हिंदू समाज के सभी धर्मग्रंथ सरल, त्रुटिहीन एवं कम कीमत पर उपलब्ध कराए, उनका किसी विवाद से कभी सरोकार नहीं रहा। उनके योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार भी कम पड़ेगा।

शिवराज बोले- विरोध करना उचित नहीं है

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, गीता प्रेस को मिल रहे सम्मान का विरोध करने वालों को देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। मैंने भी धार्मिक साहित्य का अध्ययन गीता प्रेस से प्रकाशित पुस्तकों को पढ़कर ही किया है।

नरोत्तम ने कहा- विकृत मानसिकता के लोग कभी-कभी कुछ भी बोल जाते हैं

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, जयराम रमेश जी, कांग्रेस पूर्वाग्रह से ग्रसित है। गीता प्रेस जब से रामायण, गीता छाप रही है, तब भाजपा भी नहीं बनी थी। विकृत मानसिकता के लोग कभी-कभी कुछ भी बोल जाते हैं।

उषा ठाकुर बोलीं- कांग्रेस के राष्ट्र द्रोही चरित्र को पहचानें

पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा, मेरी तो पूरे देश से प्रार्थना है कि इनके राष्ट्र द्रोही चरित्र को पहचानें। ये सावरकर की पट्टिका उखाडऩे को कटिबद्ध हो जाते हैं। यदि गीता प्रेस नहीं होती, तो मुझे लगता है कि सनातन का सारा साहित्य हम तक पहुंच ही नहीं पाता। जिस भाव से गीता प्रेस सेवा करती है, उनको तो देश और विश्व का सबसे बड़ा सम्मान मिलना ही चाहिए।

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