मध्य प्रदेश

बिना शुल्क न तो महाकाल लोक देख सकते हैं और न मंदिर

महाकाल लोक में घूमने के लिए चुकाना होगा शुल्क

उज्जैन। देश-विदेश से हजारों महाकाल भक्त प्रतिदिन दर्शन के लिए उज्जैन आते हैं। लेकिन, भक्ति में डूबे लोगों के लिए महाकाल के दर्शन आसान नहीं होते, बल्कि उन्हें धक्का-मुक्की के साथ जेब भी ढीली करना होती है। हालांकि, जब से महाकाल लोक बना है, तब से श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ गई है और लोग यहां खूब घूमना, फिरना और फ़ोटो खिंचवाना पसंद करते हैं। लेकिन, लोग अब महाकाल लोक फ्री में घूमना नहीं कर पाएंगे।

दरअसल, शुक्रवार को सर्किट हाउस में हुई बैठक में जनप्रतिनिधियों और उज्जैन कलेक्टर के बीच चर्चा का मुख्य विषय महालोक में शुल्क पर था। जाहिर है इसमे आश्चर्य नहीं कि आने वाले समय में महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही महाकाल लोक को देखने के लिए भी श्रद्धालुओं को शुल्क चुकाना पड़ सकता है। ज्ञात हो कि शुल्क को लेकर लोगों में पहले ही भारी नाराजगी देखी गई है। इस समय महाकालेश्वर मंदिर में गर्भ ग्रह के दर्शन के 750 रुपये, शीघ्र दर्शन के 250 रुपये और भस्म आरती के 200 रुपये भक्तों को चुकाना पड़ते हैं। महालोक बनने से रोजाना देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसे देखने के लिए आ रहे हैं। शनिवार, रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या करीब डेढ़ से दो लाख तक पहुंच रही है। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ने की संभावना है। शासन-प्रशासन महाकाल के भक्तों की बढ़ती संख्या से खुश होकर आर्थिक फायदे की ओर देख रहा है।

नेता भी हैं पक्ष में

सांसद अनिल फिरोजिया ने बताया कि बीते कुछ माह से कयास लगाए जा रहे थे कि महाकाल लोक देखने के लिए न्यूनतम शुल्क रखा जा सकता है। इसको लेकर जन प्रतिनिधि भी महाकाल लोक में प्रवेश शुल्क लगाने पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर रहे हैं। शुक्रवार को विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल ने कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम से मुलाक़ात की और जल्द ही महाकाल लोक में प्रवेश के लिए शुल्क रखने की बात कही है।

शाम 4 से रात 12 बजे तक खोलने का विचार

पारस जैन ने बताया कि इतना बड़ा महाकाल लोक बना है, उसके मेंटेनेंस के लिए श्रद्धालुओं से शुल्क लेने का विचार रखा है। रविवार को होने वाली प्रबंध समिति की बैठक में इसे रखा जा सकता है , इधर महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि शुल्क के लिए हमने कहा है कि शाम चार बजे से रात तक भीड़ बढ़ती है, इसलिए महालोक का समय शाम 4 से 12 बजे तक रखा जाए और इस दौरान प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं से शुल्क वसूला जाए।

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