मध्य प्रदेश

जीतू पटवारी के निलंबन को लेकर कांग्रेस लाई विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

नेता प्रतिपक्ष बोले- नरोत्तम मिश्रा ने मुझे किताब फेंककर मारी, अवमानना प्रस्ताव लाएंगे

कैलाश गौर, भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के 5वें दिन की शुरुआत हंगामे से हुई। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के निलंबन के मुद्दे पर कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा कर दिया। आसंदी को घेरकर नारेबाजी की। विपक्षी विधायकों ने संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद कार्यवाही को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस विधायकों ने हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।

आज पांचवें दिन की सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने स्पीकर से कहा- हमने आपके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। इस पर स्पीकर बोले- मुझे नहीं मिला, जब आएगा, तब देखेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा- हमने आपके कार्यालय में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। इसके बाद सज्जन सिंह वर्मा खड़े हुए और बोले- मेरी मांग है कि सदन में स्पीकर की कुर्सी किसी दूसरे को देकर सदन चलाना चाहिए। इस पर नरोत्तम मिश्रा ने स्पीकर से कहा- निलंबन का फैसला मेरा था, न कि आपका। आपने तो स्वीकार किया। नरोत्तम के इस जबाव पर कांग्रेस विधायकों ने संसदीय कार्यमंत्री की गुंडागर्दी नहीं चलेगी के नारे लगाने शुरू कर दिए। हंगामे के बीच 5 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। बाद में इसे दोपहर 12 बजे तक बढ़ा दिया गया। प्रश्नकाल नहीं हुआ। कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस में आरोप लगाया गया है कि स्पीकर सत्ता पक्ष के दबाव में कार्यवाही कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को बिना किसी वैध कारण के तानाशाहीपूर्ण तरीके से पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है।

नेता प्रतिपक्ष बोले- भ्रष्टाचार छिपाने में साथ देते हैं स्पीकर

नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अपनी गरिमा के विपरीत निर्णय लिया है। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। शिवराज सिंह द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग में दिए उत्तर में खुद लिखा- सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया। भाजपा कार्यालय में जो बैठकें और सम्मेलन होते हैं, उनके लिए करोड़ों रुपए सरकारी खजाने से खर्च किए गए हैं। ये प्रजातंत्र में लूट और भ्रष्टाचार है। भ्रष्टाचार छिपाने का काम सरकार करती है, अध्यक्ष साथ देते हैं। चोरी सरकार करे, माफी जीतू पटवारी और कांग्रेस के लोग क्यों मांगें।

नरोत्तम मिश्रा बोले- कांग्रेस की हालत शोले फिल्म के डायलॉग जैसी हो गई…

अविश्वास प्रस्ताव पर संसदीय कार्यमंत्री का बड़ा बयान सामने आया है। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के लेटर को दिखाते हुए उन्होंने कहा- 11 बजे तक मुझे सूचना देनी थी, लेकिन सूचना इसके बाद दी। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ के हस्ताक्षर नहीं है। इससे ऐसा लगता है वो बेचारा (जीतू पटवारी) अकेला रह गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की शोले फिल्म के डायलॉग जैसी हालत हो गई, आधे इधर जाओ आधे इधर जाओ, बाकी मेरे पीछे आओ। प्रस्ताव पर कांग्रेस के आधे यानी सिर्फ 48 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। कांग्रेस के पास 95 विधायक में 47 ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। मिश्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का विश्वास गुटबाजी और फूट में बदलकर रह गया है। कल से लेकर आज तक कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी ही नहीं कर पायी। विधानसभा में मीडिया पर पाबंदी लगा दी। गैलरी और अध्यक्ष कक्ष में जाने से पत्रकारों को रोका। विरोध के बाद परमिशन दी गई।

अविश्वास प्रस्ताव में आया ट्विस्ट

अध्यक्ष बोले- नोटिस नहीं मिला, नेता प्रतिपक्ष बोले- ऑफिस में देंगे मध्यप्रदेश में विधानसभा में आज  अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मामले में नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर अध्यक्ष ने कहा कि मुझे इस संबंध में कोई पत्र या नोटिस नहीं मिला है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ उनके ऑफिस में अविश्वास प्रस्ताव देने की बात कही।

संसदीय कार्यमंत्री के खिलाफ अवमानना प्रस्ताव लाएंगे : नेता प्रतिपक्ष

मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के पांचवें दिन नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा, आज अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में पेश कर दिया है। मैं स्पीकर गिरीश गौतम से पूछ रहा था कि इस पर चर्चा कब तक होगी? इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नियम संचालन पुस्तिका मेरी ओर जोर से फेंककर मारी। नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा, हम संसदीय कार्यमंत्री के विरुद्ध अवमानना प्रस्ताव लाएंगे। इस प्रकार के मंत्री को सदन में बैठने का अधिकार नहीं है। नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर नरोत्तम ने कहा, मैंने किताब नहीं मारी। मैं चपरासी को हटा रहा था।

सीएम और उनकी पत्नी पर जीतू पटवारी टिप्पणी अमर्यादित मानी

ज्ञात हो, गुरुवार को स्पीकर ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन का फैसला सुनाया था। इसके बाद से ही कांग्रेस के तमाम विधायकों ने पटवारी के साथ खडे़ रहकर सदन में लड़ाई लड़ने का ऐलान किया था। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी पर परोक्ष रूप से की गई टिप्पणी को अमर्यादित मानते हुए विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को पूरे बजट सत्र से निलंबित कर दिया था। पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रखा था। इस पर मौखिक वोटिंग कराकर फैसला हुआ।

यह वजह भी रही पटवारी के निलंबन की…

राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते समय पटवारी ने सीधी बस हादसे के वक्त मुख्यमंत्री के रीवा, जबलपुर, फिर रीवा-सीधी आने-जाने का जिक्र किया। उन्होंने बंदर की कहानी सुनाई। बंदर को राजा बताते हुए पेड़ पर उछल-कूद करने की बात कही। फिर दूध का उत्पादन घटने पर सीएम की पत्नी पर परोक्ष टिप्पणी की। पटवारी ने जामनगर (गुजरात) में बन रहे अंबानी के जू में इंदौर जू के बाघ, शेर देने का मामला उठाया। इतना बोलते ही नरोत्तम और पटवारी आमने-सामने आ गए। इस कथन को झूठा बताकर नरोत्तम कागज पटल पर रखने के लिए अड़ गए। विपक्ष को जवाब देने के लिए 5 मिनट के लिए सदन स्थगित की गई। पटवारी ने बाद में कागज पटल पर रखे, जिसे स्पीकर ने कहा कि सदन में कहे गए बयान और कागजों में भिन्नता है। विवाद बढ़ा तो सत्ता पक्ष के लोग पटवारी पर कार्रवाई के लिए अड़ गए। स्पीकर ने पटवारी से कहा कि वे खेद व्यक्त कर दें। पटवारी तैयार नहीं हुए। इसके बाद पटवारी को निलंबित कर दिया गया।

मीडिया को अंदर जाने से रोका, पत्रकार बैठ गए धरने पर

विधानसभा में आज मीडिया पर पाबंदी भी लगा दी गई थी। पुलिस ने बैरिकेड कर बाहर ही रोक दिया था। पुलिसकर्मियों का कहना था कि स्पीकर ने आदेश दिया है कि जहां बाइट होती है, उस कक्ष के अलावा कहीं और कवरेज नहीं किया जाएगा। पत्रकार धरने पर बैठ गए। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आकर धरना खत्म कराया। बोले- स्पीकर को इसकी जानकारी नहीं थी।

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