मध्य प्रदेश

एमपी के 12 हजार से अधिक सरकारी स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति कानूनी दांव-पेंच में उलझी…

भोपाल/जबलपुर। एमपी में 12 हजार 43 पदों पर की गई शिक्षकों की भर्ती कानूनी दांव-पेंच में फंस गई है. शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 की अंतिम चयन सूची जारी करने पर हाईकोर्ट की रोक थी. बावजूद इसके सरकार ने कोर्ट के आदेश को नहीं माना और 12 हजार 43 पदों पर चयन की अंतिम सूची जारी कर दी.

 

सरकार ने दी ये दलील

अब राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में एक आवेदन पेश कर शिक्षक भर्ती पर कोर्ट की सहमति मांगी है. हाईकोर्ट में पेश आवेदन में राज्य सरकार ने दलील दी है कि 12 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती, विशेषज्ञों से कानूनी राय लेकर की गई है. इसमें भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं का संकाय छोड़कर अन्य विषयों के शिक्षकों की भर्ती की गई है. आवेदन में सरकार की ओर से ये दलील भी दी गई है कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली हैं. बच्चों को शिक्षा का मूलभूत अधिकार देने के लिए शिक्षकों की भर्ती ज़रूरी थी.

 

कोर्ट के आदेश का इंतज़ार

हाईकोर्ट में दायर राज्य सरकार के इस आवेदन पर ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिकाओं के साथ 25 अक्टूबर को सुनवाई की जाएगी. देखना होगा कि कोर्ट उक्त शिक्षक भर्ती के मामले में अपने पूर्व आदेश की अवमानना मानती है या सरकार को राहत देती है.

 

हड़ताल पर रहे वकील

इधर, आज गुरुवार को वकीलों की हड़ताल के कारण हाईकोर्ट में किसी वकील ने पैरवी नहीं की. राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में ये आवेदन असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल केएम नटराजन ने पेश किया. वकीलों की हड़ताल की वजह से 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण मामले पर आज सुनवाई नहीं हो सकी. लिहाजा, हाईकोर्ट ने सरकार के इस नए आवेदन के साथ ओबीसी आरक्षण से जुड़ी सभी 41 याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुनवाई तय की है.

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