मध्य प्रदेश

अमानक स्तर के घुना चावल घुना गेहूं का भंडारण निगवानी गोदाम पर

  • अमानक स्तर के घुना चावल घुना गेहूं का भंडारण निगवानी गोदाम पर
  • शासन की योजनाओं को धज्जियां उड़ाते आम जन मजबूर घटिया राशन लेने पर

डिंडोरी
जिला आदिवासी जिला होने का फायदा उठाने में कोई भी विभाग मौका नही छोड़ता है। चाहे हम किसी जन हितैषी योजना की बात करे या फिर संचालित योजनाओं की  जहा जनता को लूटने में कोई भी कसर नही छोड़ी जाती हैऔर इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता।इसी शोषण के अंतर्गत एक मामला सामने आया है जो विगत दिनों काफी सुर्खियों में रहा। अमानक स्तर के चावल वाला मामला जो की अभी थमा भी नहीं की फिर जिले के निगवानी गोदाम से अमानक स्तर का घटिया गेहूं सांझा चूल्हा और मध्यान भोजन के लिए परोसा जाने लगा।जिससे लोगो को बहुत सी बीमारियों से भी रूबरू होना द सकता है।

निगवानी गोदाम अपने कारनामो से सुर्खियों में बना ही रहता है। जिसका कारण यह है की मीडिया कर्मियों द्वारा सच्चाई सामने लाया तो जाता है किंतु अधिकारियों द्वारा कोई भी ठोस कदम न उठाने के कारण ठंडे बस्ते पे नजर आता है जिससे यह प्रतीत होता है की इस आदिवासी जिले में कोई भी खेल खेला जाता है तो उच्च अधिकारियों के सरंक्षण में खेला जाता है तभी तो इतनी मेहनत से खामियों को मीडिया कर्मी द्वारा सामने लाया जाता है किंतु कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की जाती है।और उनके होश ले दिन वी दिन बुलंद होते नजर आ रहे है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के निगवानी गोदाम से गोदाम प्रभारी अर्चना सुरखिया के द्वारा  उचित मूल्य की दुकान पिंडरूखी में वाहन क्रमांक  Mp 52ZA7032 के द्वारा अमानक स्तर का गेहूं भेजा गया। शासकीय उचित मूल्य दुकान निगवानी में भेजा गया घुना गेहूँ जिसे लेने से लोगों ने इंकार कर दिया है ।वास्तव में देखने से स्पष्ट पता चलता है कि गेहूं किस स्तर का है गेहूं में घुन लगा हुआ है और हाथ में लेने पर सफेद पाउडर निकल रहा है।

 अमानक स्तर चावल वाले मामले में नान विभाग के अधिकारी मौर्य पर कोई विशेष कार्रवाई नहीं होने का ही परिणाम है कि आज जिम्मेदारों के हौसले बुलंद है।जिम्मेदार अमानक चावल मामले के बाद छुट्टी मनाने चले गये थे।सूत्र बताते है कि उनकी अनुपस्थिति में तीनो गोदामो में काम नियम के दायरे में चल रहा था।जिम्मेदार के छुट्टी से वापस आते ही जिम्मेदार ने नियमो की धज्जियां उड़ाते हुये मौखिक आदेश जारी कर भ्रष्टाचार की बयार बहाना शुरू कर दी।निगवानी गोदाम में जिम्मेदार ने अपने पसंदीदा कर्मचारियों को भी नियुक्त की है ताकि उनके मौखिक दिये गए आदेशो को अक्षर सह पालन कराया जा सके। हालांकि निगवानी गोदाम में अन्नदूतो में ओवर लोडिंग के विरुद्ध 181 पर भी शिकायत दर्ज है।उसके बाद भी आज भी ओवर लोडिंग का खेल जारी है।

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