मध्य प्रदेश

नये साल में अतिक्रमणकारियों पर होगी कार्रवाई, एक दिन का समय

भोपाल 
एनजीटी के आदेश पर कलियासोत नदी के 33 मीटर दायरे का जिला प्रशासन द्वारा सीमांकन शुरू कराया गया था। प्रशासन के राजस्व अमले द्वारा नगर निगम और पीडब्लयूडी की मदद से लगभग चार दिन सीमांकन की कार्रवाई करते हुए 60 से अधिक अवैध निर्माण और अतिक्रमण चिह्नित किए हैं।इन सभी अतिक्रमणकारियों को नगर निगम द्वारा नोटिस देकर 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है।इस दौरान उनको स्वयं की कलियासोत नदी के कैचमेंट क्षेत्र को खाली करना है। जिसके बाद नगर निगम, प्रशासन द्वारा एक जनवरी से कार्रवाई शुरू की जाएगी।इस तरह अब इनके पास एक दिन रविवार का ही समय शेष रह गया है। बता दें कि जिला प्रशासन को एनजीटी के आदेशानुसार अपनी रिपोर्ट तैयार कर 15 जनवरी तक पेश करना है।जिसको लेकर सीमांकन और नोटिस देने की कार्रवाई पूरी हो चुकी है। अब नदी से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

 काेलार से लेकर मंडीदीप तक नदी में अवैध कब्जे और निर्माण
कलियासाेत नदी के कैचमेंट क्षेत्र में कोलार से लेकर मंडीदीप तक अवैध कब्जे और निर्माण सीमांकन के दौरान राजस्व की टीम को मिले हैं। इनमें बावड़िया, बिलखिरिया, गुराड़ी घाट, नरेला हनुमत, समरधा कलियासोत, दामखेड़ा, सनखेड़ी से लेकर समरधा और मंडीदीप तक का क्षेत्र शामिल है।इस बीच सर्वधर्म सेक्टर में सबसे ज्यादा अतिक्रमण हैं, जहां 17 मल्टी, 90 से ज्यादा झुग्गी, 45 पक्के मकान, एक धार्मिक स्थल बना हुआ है।जेके से सलैया तक ही मेडिकल कालेज की दो इमारत, क्लब हाउस, आकृति ईको सिटी रिट्रीट कालोनी के कुछ मकान और एक अधिकारी की कुछ जमीन अतिक्रमण की जद में है।33 मीटर दायरे में मिले इन अतिक्रमणों पर नगर निगम की टीम ने लाल निशान लगा दिए हैं। जबकि अन्य क्षेत्र में लोगों द्वारा कब्जा कर खेती की जा रही है और टीनशेड का निर्माण किया गया है।

डेम के कैचमेंट में मिले थे कई अवैध निर्माण
राजस्व अमले ने कलियासोत और केरवा डेम के 33 मीटर दायरे का सीमांकन किया था।कलियासोत डेम के आसपास सबसे ज्यादा 58 झुग्गियां मिली थीं। 15 अस्थायी डेरी, सात मंदिर, पांच रेस्त्रां, चार शेड, एक-एक समाधि, गौशाला, गेमजोन, स्कूल, मछली फार्म, मकान भी मिले थे।वहीं केरवा के 33 मीटर दायरे में 96 निर्माण मिले हैं। इनमें से 84 सरकारी और निजी जमीन पर 12 निर्माण थे।

विधायक ने कहा मामले में करें पुनर्विचार
निगम प्रशासन द्वारा एनजीटी के आदेश पर की जा रही कार्रवाई के बीच हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि नगर निगम आयुक्त और कलेक्टर को मामले में पुनर्विचार करना चाहिए ।उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिखते हुए बताया कि अभिव्यक्ति नगर (पत्रकार कालोनी), सागर प्रीमियम टावर, अल्टीमेट कैंपस, भूमिका रेसीडेंसी, सिग्नेचर, सर्व-धर्म, मंदाकिनी कालोनी सहित एक दर्जन कालोनी जैसे एक दर्जन रहवासी क्षेत्रों में मध्यम और निम्न वर्गीय परिवारों ने जीवनभर की जमा पूंजी खर्च कर मकान खरीदे हैं। एनजीटी के निर्देश के बाद इन मकानों पर टूटने का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि लाेगों ने नजूल, नगर निगम, टीएनसीपी और पर्यावरण विभागसे अनुमति लेने के बाद मकान खरीदे या बनवाए हैं, ये आज अवैध कैसे हो सकते हैं? प्रभावित लोग एनजीटी में न्याय की गुहार तो लगाएंगे ही, परंतु मानवीय पक्ष और मानवाधिकार की रक्षा के लिए कार्रवाई तत्काल प्रभाव से रोकना चाहिए।

यह है एनजीटी का फैसला
एनजीटी ने अगस्त में नदी के 33 मीटर दायरे का सीमांकन और अतिक्रमण चिह्नित करने के लिए दो महीने और इन्हें हटाने के लिए 31 दिसंबर 2023 की समय सीमा तय की थी। सुनवाई के दौरान एनजीटी ने राज्य शासन की आंतरिक कमेटी की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि नदी ने अपना रास्ता बदला है, इसके चलते नदी रहवासी क्षेत्रों के करीब आ गई है। इस रिपोर्ट में नदी में बन चुके मकान और बड़ी बड़ी इमारतों को तोड़ने को अव्यावहारिक और मलबा निकलने से पर्यावरण विरोधी बताया गया था। भोपाल कलेक्टर ने कहा कलियासोत नदी के कैचमेंट क्षेत्र में 60 से अधिक अवैध निर्माण व अतिक्रमण मिले हैं। जिन्हें चिह्नित कर नोटिस दिए जा चुके हैं अब एक जनवरी से कार्रवाई शुरू की जाएगी। 15 जनवरी को एनजीटी में रिपोर्ट पेश की जाना है। नगर निगम, राज्सव, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य टीमें इसके लिए काम कर रही हैं।
 

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