मध्य प्रदेश

बुलियन के फर्जी बिल जारी करने वाले व्यवसायी और 8 फर्मों पर कार्रवाई

वाणिज्यिक कर विभाग 833 करोड़ रुपये का संदिग्ध क्रय-विक्रय उजागर

भोपाल। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा डेटा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में डेडिकेटेड टीम बीफा/गेन, ई वे बिल एवं GST पोर्टल पर उपलब्ध 400 से अधिक एनालिटिकल रिपोर्ट का बारीकी से परीक्षण कर बुलियन के फर्जी बिल जारी करने वाले ग्वालियर के व्यवसायी पर कार्रवाई की गई है। विभाग द्वारा की गई जांच में पिछले एक माह में बुलियन व्यवसाय में संलिप्त 8 फर्मों का लगभग 833 करोड़ रूपये का संदिग्ध क्रय-विक्रय पाया गया है, जिसकी विस्तृत जांच व अग्रिम वैधानिक कार्यवाही प्रचलन में है।

वाणिज्यिक कर आयुक्त, लोकेश कुमार जाटव एवं विशेष आयुक्त, श्रीमती रजनी सिंह ने उच्च मूल्य की वस्तु ‘बुलियन’ के व्यापार में संलिप्त व्यवसाइयों के संबंध में सूचना एवं डेटा विश्लेषण द्वारा चरणबद्ध जांच कार्यवाही के अनुक्रम में ग्वालियर के चिन्हांकित संदिग्ध बुलियन व्यवसाई पर जाँच की कार्यवाही की गई। मुख्य फर्म द्वारा अपनी सहयोगी फर्म के माध्यम से बुलियन प्राप्त कर ज्वेलरी का निर्माण व क्रय-विक्रय करने के साथ-साथ जुलाई, 2021 से दिसम्बर, 2022 तक लगभग 458 करोड़ रुपये का लगभग 881 किलोग्राम बुलियन छोटी-छोटी मात्रा में निजी उपभोक्ताओं को B2C बिक्री के रूप में बताया गया है। सहयोगी फर्म द्वारा अधिकांश लेन-देन पूरा हो जाने पर विभाग के समक्ष आवेदन देते हुए अपना GST पंजीयन भी निरस्त करवा लिया गया।

जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्य बताते है कि निजी व्यक्तियों के नाम पर दिखाये गये B2C विक्रय को वास्तविकता में बड़े आभूषण व्यवसाइयो को बेचा गया है और नवीन GST पंजीयन भी सिर्फ बड़े आभूषण व्यवसाइयो को अनाधिकृत रूप से बुलियन सप्लाई करने के लिये ही लिये गये थे। इन व्यवसाइयों के बैंकिंग ट्रांजेक्सन एवं मनी ट्रेल विश्लेषण भी मध्यप्रदेश के बाहर के मास्टरमाइंड की ओर इंगित करती है।

राजस्व संरक्षण एवं फेक इनवॉइसिंग में संलिप्त संदिग्ध/बोगस करदाताओं के विरुद्ध की गई कार्यवाही में बोगस करदाताओं की पहचान की जा रही है। विभाग द्वारा पाया गया कि प्रदेश में बुलियन (सोने एवं चांदी) के एक संगठित नेटवर्क द्वारा अपने निजी कर्मचारियों जैसे घरेलू नौकरों/ड्राइवर या अन्य व्यक्तियों के दस्तावेजो पर GST पंजीयन प्राप्त कर बड़ी मात्रा में बुलियन का क्रय किया जा रहा है और इसके फर्जी बिल जारी कर इन बुलियन को छोटी- छोटी मात्रा में निजी उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है। पूर्व में विभाग द्वारा 6 बुलियन व्यवसाइयों पर कार्यवाही की गई थी, जिनके द्वारा लगभग 375 करोड़ रूपये के लगभग 724 किलो ग्राम बुलियन निजी उपभोक्ताओं को भी बेचा जाना बताया गया।

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