मध्य प्रदेश

तबादला नीति में बदलाव, एमपी में 10 साल से शहरों में जमे सरकारी शिक्षक अब गांव भेजे जाएंगे ….

भोपाल. मध्यप्रदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से बड़ा बदलाव किया गया है. विभाग ने तबादला नीति में बदलाव कर इसे नये सिरे से लागू किया है. अब वरिष्ठ शिक्षकों को भी ग्रामीण इलाकों में सेवा देना अनिवार्य रहेगा. 10 साल या उससे ज्यादा साल से शहर में पदस्थ शिक्षकों को अब ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में जाकर पढ़ाना होगा. हालांकि, माना जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग के लिए इस पॉलिसी को प्रदेश में लागू करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा.

नई तबादला नीति सामान्य प्रशासन विभाग की तबादला नीति से अलग है. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ही नए शिक्षा सत्र से वरिष्ठता के आधार पर ट्रांसफर किए जाएंगे. शिक्षा विभाग की नई तबादला नीति के अनुसार 10 साल या इससे अधिक समय से एक ही संस्था विशेषकर शहरी क्षेत्रों में जमे शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की उन शालाओं में भेजा जाएगा, जहां शिक्षक नहीं हैं या शिक्षकों की कमी है. स्वेच्छा से जाने वाले शिक्षक अपने ट्रांसफर के लिए खुद ही आवेदन दे सकते हैं. 10 साल से ज्यादा समय से एक ही जगह जमे ऐसे शिक्षकों में से 10 फ़ीसदी शिक्षकों को 10 साल तक के लिए वरिष्ठता के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा.

शिक्षक कांग्रेस के सुभाष सक्सेना का कहना है इस नई तबादला नीति को लागू कराना स्कूल शिक्षा विभाग के सामने बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा. 10 साल से ज्यादा समय तक शहरी क्षेत्र में जमे शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजना मुश्किल होगा. तबादलों में नेताओं और मंत्रियों का भी हस्तक्षेप कम करना होगा. ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षक भी शहरी इलाकों में पदस्थ हो सकें और उन्हें भी शहरी इलाकों के स्कूलों में पदस्थापना का मौका मिल सके. यह सुनिश्चित करना होगा.

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