लेखक की कलम से
उत्तराषाढ़ नक्षत्र का स्वागत…
पूस का तपिश भरा नमस्कार
विश्व पटल पर हरियाली लिखने वाले
वसुंधरा संग खुशहाल दिखने वाले
रंग और खुशबू की धारा बहती है
नमन तुम्हे मिट्टी से मिट्टी गढ़ने वाले!
मन का एक कोना है तुझे समर्पित
अपने भाव और शब्द करूं तुझे अर्पित
तेरी आंखों से प्रकृति को रही निहार
ओ किसान तुझसे मस्तक है मेरा गर्वित
©लता प्रासर, पटना, बिहार