मध्य प्रदेश

टमाटर बीज घोटाला : परत-दर-परत उजागर हो रही अधिकारियों की मिलीभगत

एमपी एग्रो में दलालों के सिडिंकेट को बनाए रखने के लिए एसीएस ने अपना ही आदेश बदल दिया

भोपाल। प्रदेश में चार सालों से चल रहे बीज खरीदी घोटाले में परत-दर-परत अधिकारियों की मिलीभगत उजागर हो रही है। बीज खरीदी सिर्फ एमपी एग्रो के माध्यम से हो, इसके लिए उद्यानिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने केंद्र के नियमों को दरकिनार कर अपने ही पुराने आदेश को बदल दिया। उनके द्वारा नियम बदलने से बिचौलियों का सिंडिकेट एमपी एग्रो में फिर से फल-फूल रहा है। मालूम हो कि कमलनाथ सरकार गिराने के बाद सत्ता में आई भाजपा सरकार के अधिकारी टमाटर के अलावा अन्य सब्जियों के बीज की खरीदी दो गुना कीमत में कर रहे हैं। जब इसकी पड़ताल की गई तो इसमें एमपी एग्रो ही नहीं, बल्कि उद्यानिकी विभाग के आला अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आने लगी है कि कैसे उनके एक आदेश से जिलों में ग्रामीण विस्तार अधिकारी नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन के बजाए मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम (एमपी एग्रो) में रजिस्टर्ड बिचौलिया कंपनी से दो गुना कीमत में बीज खरीदने के लिए बाध्य हो गए।

सात माह पहले यह दिए थे आदेश

उद्यानिकी विभाग के एसीएस ने विभाग के संचालक को 3 नवंबर 2011 को बीज खरीदी को लेकर पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने लिखा, जहां तक संभव हो यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एनबीएच से मान्यता प्राप्त नर्सरी, राज्य सरकार से लाइसेंस प्राप्त नर्सरी, विभागीय नर्सरी एवं नाफेड सहित केंद्रीय, राज्य, संगठनों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से बीज खरीदी की जाए। जब यह आदेश जारी किया गया जिलों में नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन से बीज की खरीदी उचित दामों पर होने लगी। ऐसे में एमपी एग्रो में रजिस्टर्ड वेंडर्स का सिंडिकेट टूटने लगा।

अब जिला अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों से मिले ये आदेश

सात महीने बाद एक जुलाई 2023 को विभाग के एसीएस ने फिर अपने ही आदेश को बदलते हुए उप संचालक और सहायक संचालकों को निर्देशित कर लिखा कि एमपी एग्रो द्वारा वेंडर पंजीयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। यदि कृषकों की सहमति एवं मांग अनुरूप सामग्री की आवश्यकता संकलित कर आर्डर प्लेस किये जाना हो तो एमपी एग्रो में पंजीयन उपरान्त ही जिलाधिकारियों द्वारा किए जा सकेंगे। जिन घटकों में एमपी एग्रो में वेंडर पंजीकृत नहीं है या एमपी एग्रो के माध्यम से आदान सामग्री क्रय नहीं की जा रही है। तब कृषक स्वयं आदान सामग्री क्रय करेंगे। जिला अधिकारियों द्वारा एमपी एग्रो के अलावा अन्य संस्थाओं को आर्डर प्लेस नहीं किए जाएंगे। अब इसी आदेश का हवाला देते हुए अधिकारी एमपी एग्रो से हाइब्रिड सब्जियों के बीज खरीदने के निर्देश जिला प्रबंधकों को दे रहे हैं।

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