मध्य प्रदेश

मई माह से बिकने लगेगी मध्यप्रदेश की हेरिटेज शराब: गोवा की फैनी की तरह पहचान दिलाने प्रयास कर रही मध्यप्रदेश सरकार

मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों में हेरिटेज शराब का ट्रायल पूरा, अब मोन्ड ब्रांड के नाम से बेचने की तैयारी शुरू

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने आदिवासियों द्वारा बनाई जाने वाली महुआ शराब को भी अन्य शराब की तरह बेचने की तैयारी शुरू कर दी है। गोवा की फैनी शराब की पहचान सारे देश में है, वैसी ही पहचान मध्य प्रदेश की हेरिटेज शराब की भी बने, इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार प्रयास कर रही है। इसी के चलते मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम की होटलों में हेरिटेज शराब का ट्रायल पूरा कर लिया गया है। आबकारी विभाग ने हेरिटेज शराब के टेस्ट और उसकी पैकिंग को लेकर मिले फीडबैक के अनुसार सारे परिवर्तन कर लिए गए हैं। हेरिटेज शराब को मोन्ड ब्रांड के नाम से बेचने की तैयारी शुरू हो गई है। अगले माह यानी मई से यह शराब बाजार में उपलब्ध होगी।

दरअसल, आदिवासियों को सशक्त और आगे बढ़ाने की मुहिम के तहत शिवराज सरकार महुआ के फूल से बनने वाली इस शराब को अन्य राज्यों के साथ ही विदेशों में भी बेचने की प्लानिंग कर रही है। महुआ शराब आदिवासी लोग बनाते हैं। राज्य के आदिवासी इलाकों में महुआ का सेवन सबसे ज्यादा किया जाता है। हेरिटेज शराब के निर्माण का कार्य आदिवासी स्व सहायता समूहों को दिया जा रहा है, ताकि इससे आदिवासियों को लाभ मिले और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बने। वहीं, हेरिटेज शराब पीने वालों को भी ज्यादा दाम ना चुकाना पड़े। मध्य प्रदेश सरकार की नई शराब नीति के मुताबिक हेरिटेज शराब की बिक्री शराब दुकानों से होगी, या इसके लिए आर्थिक काउंटर खोले जाएंगे। प्रदेश के अलीराजपुर और डिंडोरी के दो आदिवासी स्व सहायता समूहों द्वारा हेरिटेज शराब बनाने की यूनिट लगाई गई हैं। हेरिटेज शराब फिलहाल 750 मिली लीटर की पैकिंग में उपलब्ध होगी। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने महुआ से शराब का निर्माण वैध तरीके से करने और वैध तरीके से ही बेचने का प्लेटफार्म तैयार किया है। मध्य प्रदेश सरकार इसकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने की तैयारी कर रही है।

ये है देरी की वजह…

मध्य प्रदेश सरकार हेरिटेज शराब की क्वालिटी, टेस्ट, खुशबू और कीमतों को इस तरह से तैयार करना चाहती है, ताकि हेरिटेज शराब तेजी के साथ लोकप्रिय हो। इसका लाभ आदिवासी समुदाय को मिले। मध्य प्रदेश की बनी हेरिटेज शराब सारे देश में अलग पहचान बनाए। इस शराब में मिथाइल अल्कोहल नहीं होता है। हेरिटेज शराब के निर्माण में किसी तरह के केमिकल का प्रयोग भी नहीं किया जा रहा है। यह दुनिया की यह एकमात्र शराब होगी, जो महुआ के फूलों से तैयार होगी।

हेरिटेज शराब को लेकर अहम बातें…

  • लाइसेंसिंग व्यवस्था स्पष्ट, आदिवासी स्व सहायता समूहों के अलावा किसी को यह लाइसेंस नहीं मिलेगा।
  • हर स्व सहायता समूहों की उत्पादन क्षमता और विक्रय को नियोजित करने के साथ उसके लिए अलग सिस्टम बनाना।
  • उत्पादन इकाई की क्षमता कम से कम 500 लीटर प्रतिदिन जरूरी।
  • हेरिटेज मदिरा की कीमत किसी भी स्थिति में देसी शराब से कम नहीं होगी।
  • बॉटलिंग जरूर 180 एमएल से लेकर अधिक हो सकेगी।
  • यह किसी भी शराब की दुकान देशी या विदेशी पर नहीं मिलेगी।
  • इसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में अलग से वाइन शॉप खोली जाएगी, जो देशी-विदेशी शराब की दुकान से अलग होगी।
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