मध्य प्रदेश

टीआई ने किया डीएसपी बनने से इंकार, थाना छीन सकता है पीएचक्यू

भोपाल

डेढ़ दर्जन पुलिस निरीक्षक अपने इस पद से इतने खुश हैं कि इसी पर जमे रहना चाहते हैं। मलाईदार पद पर बने रहने के लिए उन्होंने अपने आला अफसरों को भी लिखकर दे दिया कि वे कार्यवाहक डीएसपी नहीं बनना चाहते हैं। पीएचक्यू इस मामले में गंभीर हो गया है और ऐसे निरीक्षकों को अब मलाईदार पोस्टिंग से हाथ धोना पड़ सकता है।

प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन पुलिस निरीक्षकों ने कार्यवाहक डीएसपी बनने से इनकार कर दिया है। उन्होंने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर वन टाइम प्रमोशन लेने से मना करते हुए पत्राचार किया है। पुलिस मुख्यालय ने भी लगभग यह तय कर लिया है कि इनकी मंशा अनुसार इन्हें पदोन्नति नहीं दी जाएगी। दरअसल कार्यवाहक डीएसपी नहीं बनने के पीछे पुलिस निरीक्षकों की अपनी वर्तमान जगह पर ही जमे रहने को मुख्य कारण माना जा रहा है।

मुख्यालय के पास लगभग
डेढ़ दर्जन पुलिस निरीक्षकों ने पत्र भेजा हैं, जिसमें उन्होंने लिखा है वे वन टाइम प्रमोशन नहीं चाहते हैं। इसमें सबसे ज्यादा निरीक्षक लोकायुक्त पुलिस में पदस्थ हैं, जिन्होंने इस कार्यवाहक डीएसपी बनने से मना किया है। वहीं बाकी के निरीक्षक जिलों में पदस्थ और उनकी पोस्टिंग थानों में हैं। गौरतलब है कि पुलिस मुख्यालय में पिछले कुछ दिनों से निरीक्षक से कार्यवाहक डीएसपी के प्रमोशन को लेकर कवायद चल रही है। जल्द ही इस संबंध में प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा जाना है। करीब 84 निरीक्षकों को पदोन्नत कर कार्यवाहक डीएसपी बनाया जाना है। इस पदोन्नति की कवायद के बीच निरीक्षकों ने ऐसा पत्र पुलिस मुख्यालय को लिखा है।

नहीं रहेंगे फील्ड में
इस मामले में पुलिस मुख्यालय अब कड़ा फैसला लेने जा रहा है। ऐसा पत्र लिखने वाले निरीक्षकों को फील्ड पोस्टिंग से हटाने की तैयारी की जा रही है। उन्हें जिलों के थानों से हटाकर पुलिस लाइन, एसपी आॅफिस, डीआईजी आॅफिस, आईजी आॅफिस या पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया जा सकता है। वहीं लोकयुक्त में पदस्थ निरीक्षकों को भी वहां से हटाने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में जल्द ही डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना कोई फैसला ले सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि गृह विभाग से पदोन्नति होने से पहले इन निरीक्षकों का तबदला किया जाएगा और उसके बाद बाकी के अफसरों को कार्यवाहक डीएसपी के पद पर पदोन्नति दी जाएगी।

अफसरों से रिकॉर्ड तलब
निरीक्षकों द्वारा इस तरह का पत्र पुलिस मुख्यालय तक पहुंचाने से आला अफसर नाराज बताए जा रहे हैं। अफसर चाहते हैं कि यह व्यवस्था न बने इसलिए इस पूरे मामले को पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता से लिया है। इस तरह के मामले भविष्य में सामने न आए, इसलिए चलते ही पुलिस अधीक्षक से लेकर रेंज आईजी-एडीजी तक से इन निरीक्षकों के संबंध में पुलिस मुख्यालय ने रिकॉर्ड तलब करवाया है। वहीं लोकायुक्त पुलिस से भी ऐसे निरीक्षकों की पूरी जानकारी पीएचक्यू ने तलब करवा ली है।

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