नई दिल्ली

हत्यारोपी की उत्तर प्रदेश पुलिस को खुली धमकी, भाग जाओ वरना तुम्हें भी मार दूंगा…

नई दिल्ली (पंकज यादव) । यूपी के मेरठ में शनिवार की रात हुई घटना ने हर किसी को दहला कर रख दिया। शराब के नशे में आए बेटे को रोकना एक पिता को भारी पड़ गया। नशे में बेटे को यह भी याद नहीं रहा कि वह क्या करने जा रहा है। पिता के टोकने से तिलमिलाए बेटे ने पिता पर ही गोली दाग दी। इसके बाद खुद को कमरे में बंद कर लिया। इसके बाद भी आरोपी का मन जब शांत नहीं हुआ तो उसने ढाई घंटे तक फायरिंग की।

इस बीच जब पुलिस आरोपी को पकड़ने गई तो पुलिस पर भी आरोपी ने फायर किए। यही नहीं पुलिस को भाग जाने की धमकी भी दी। आरोपी के फायरिंग से बचने के लिए पुलिस को बुलेटप्रूफ जैकेट का सहारा लेना पड़ा। आरोपी जब पुलिस के हत्थे चढ़ा तो गुस्साए परिजन और भीड़ भी उस पर टूट पड़ी। किसी तरह पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करके आरोपी को पुलिस स्टेशन ले गई।

ब्रह्मपुरी में शास्त्री की कोठी इलाके में सर्राफ पिता की हत्या कर आरोपी बेटा ढाई घंटे तक बंद कमरे से गोलियां चलाता रहा। एक डर यह था कि कहीं वह पुलिसकर्मियों को गोली न मार दे। दूसरा डर उसके खुदकुशी करने का था। ऐसे में पुलिस ने एक-एक कदम फूंक-फूंककर रखा। थक-हारकर हत्यारोपी बेहोश हो गया। रात 12 बजे उसे कमरे से निकाला गया। कांता वाली चक्की में शनिवार रात करीब नौ बजे सर्राफ किशन वर्मा ने पिता विनोद वर्मा (65) की गोली मारकर हत्या कर दी। उसके पास लाइसेंसी रिवॉल्वर थी। वारदात के वक्त पूरा परिवार टीवी देख रहा था। इधर, परिवार के सदस्य विनोद वर्मा को लेकर अस्पताल भागे।

उधर, आरोपी किशन फर्स्ट फ्लोर पर जाकर कमरे में बंद हो गया। पुलिस मौके पर पहुंची। कमरा खुलवाने का प्रयास किया। आरोपी ने खिड़की के सहारे पुलिसकर्मियों पर फायर झोंक दिए। कुछ देर बाद पुलिसकर्मियों ने पुन: साहस किया। वह दरवाजा खुलवाने पहुंचे। आरोपी से फिर से फायरिंग कर दी। इस बार पुलिसकर्मी बाल-बाल बच गए। हत्यारोपी नशे में था। उसके सिर पर खून सवार था। पुलिसकर्मियों को बार-बार धमकी दे रहा था कि भाग जाओ, वरना तुम्हें भी मार दूंगा। डर था कि कहीं हत्यारोपी नशे में कुछ गड़बड़ न कर बैठे। इसलिए पुलिसकर्मी बैकफुट पर आ गए। उन्होंने धैर्य का परिचय दिया।

कुछ पुलिसकर्मियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर फर्स्ट फ्लोर पर जाने की कोशिश की। फिर यह ख्याल आया कि कहीं हत्यारोपी खुद को ही गोली न मार ले। कमरे में घुसने का दूसरा रास्ता खोजा गया। रात पौने 11 बजे ड्रोन कैमरा मंगवाया। कमरे के चारों तरफ कैमरा उड़ाकर यह देखा कि अंदर घुसने का कोई और रास्ता है या नहीं। लेकिन कोई भी रास्ता नहीं था। आंसू गैस के गोले मंगवाए गए। मकसद था कि गोला कमरे में छोड़ा जाए। कमरे में धुआं होगा। इतने में पुलिस दरवाजा तोड़कर आरोपी को पकड़ लेगी। इन सबके बीच पुलिस ने आरोपी के खुद शांत होने का इंतजार किया।

करीब ढाई घंटे बाद यानि तकरीबन साढ़े 11 बजे आरोपी शांत होकर जमीन पर बैठ गया। इसके बाद वह बेहोशी अवस्था में लेट गया। काफी देर तक कमरे से कोई आवाज नहीं आई। करीब 12 बजे मौका पाकर पुलिस ने गेट तोड़ दिया और पलभर में हत्यारोपी को पकड़ लिया। पुलिस उसे बाइक पर बैठाकर गली के बाहर लाई। यहां से जीप में बैठाकर निकल गई।

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