मध्य प्रदेश

इन कोचों को इंस्टालेशन के बाद ही उतारा जाएगा ट्रैक पर

भोपाल

राजधानी में मेट्रो मूवमेंट तेज हो चुका है और इसके चलते राजधानी में अहमदाबाद से पांच कोच भोपाल पहुंच चुके हैं। पहले भी एक मेट्रो भोपाल आ चुकी है। इन कोचों को इंस्टालेशन के बाद ही ट्रैक पर उतारा जाएगा।  शहर में इस समय सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक का रूट क्लियर हो चुका हैऔर इस पर मेट्रो का ट्रायल भी हो चुका है।

अब इसकी अगली नजर एम्स तक की है जिस पर काम चल रहा है।   सुभाष नगर से एम्स तक 8 रेलवे स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसमें सुभाष नगर, केंद्रीय विद्यालय, बोर्ड आफिस चौक, एमपी नगर जोन 2, रानी कमलापति स्टेशन, डीआरएम आफिस, अलकापुरी और एम्स शामिल हैं। भोपाल मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट की रफ्तार प्रतिमाह 3 फीसदी है। जून 2024 तक कमर्शियल रन यानि आम यात्रियों के साथ चलने के लिए 40 फीसदी से ज्यादा काम पूरा करना है। यदि माह में तीन प्रतिशत की दर से काम चला तो बचा हुआ 40 फीसदी काम पूरा करने कम से कम 12 से 15 माह का समय लगेगा। यानि 2025 की पहली तिमाही में ही कमर्शियल रन की स्थिति बन पाएगी।

पेमेंट की वजह से धीमा हुआ काम
मेट्रो कारपोरेशन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के पेमेंट समय पर नहीं होने के कारण इसकी स्पीड धीमी चल रही है। अगर ऐसा ही रहा तो फिर इसका अगले महीने होने वाला कमर्शियल रन आगे बढ़ सकता है। काम की धीमी गति की स्थिति रानी कमलापति से सुभाषब्रिज तक के मेट्रो स्टेशन पर देखी जा सकती है।

मेट्रो प्रोजेक्ट की टाइमलाइन
 6940 करोड़ की लागत से 30.95 किमी क्षेत्र में बिछना है रूट
 हर मेट्रो में तीन कोच होंगे
 27 ट्रेनों होंगी संचालित
 90 की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन
 50 लोगों के लिए कोच में बैठने की व्यवस्था
 300 यात्री खड़े होकर भी कर सकेंगे यात्रा
 30 स्टेशन बनाने हैं जबकि पांच ही अधूरे बन पाये हैं।

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