लेखक की कलम से

टीका म टिके हे, जिंनगी के आधार …

बबा पूछिस कोरोना के टीका,तोला कइसे लागिस।

मेंहा कहेंव बबा टीका ह मोला, बड़निक लागिस।।

मोर खांध म सिस्टर ह,जइसने लगाइस हे ग सुई।

चांटी चाबे कस लागिस,अउ मैं कहेंव जी उई उई।।

कोरोना के टीका लगाना,हरे दु मिनिट के काम।

टीका होय के बाद,तन -मन ल , मिलथे आराम।।

टीका लगा डरेंव कहिके,मनमाने नइ घुमना हे।

शासन -प्रशासन के जी, गोठ घलक सुनना हे।।

दूसर के बहकावा म भाई,देख हमला नइ आना हे।

शिक्षित नागरिक के ,आज कर्तव्य ल निभाना हे।।

मास्क, सैनिटाइजर ल,एकोकन झन छोडव जी।

टीका लगाके अपन,जिनगी से नाता जोड़व जी।।

सोशल डिस्टनसिंग ल,बनाओ अपन व्यवहार ग।

टीका म टिके हे संगी,तोर जिनगी के आधार ग।।

©श्रवण कुमार साहू, राजिम, गरियाबंद (छग)

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