लेखक की कलम से
आहुति …
आहुति दे रही प्यार का
तेरे इन बातों का।
जला कर मै हवन कुंड में
अपने इन ख्वाबों का।
छोड़ कर हाथ भी तेरा
बन गई अजनबी का।
विनास सब कुछ कर दिया
सजा मिले ही दुष्कर्म का।।।
©अर्पणा दुबे, अनूपपुर
आहुति दे रही प्यार का
तेरे इन बातों का।
जला कर मै हवन कुंड में
अपने इन ख्वाबों का।
छोड़ कर हाथ भी तेरा
बन गई अजनबी का।
विनास सब कुछ कर दिया
सजा मिले ही दुष्कर्म का।।।
©अर्पणा दुबे, अनूपपुर