बिलासपुर

उच्चन्यायालय ने अधिकारियों व राज्य शासन से आवेदन लेने से मना किया, मची खलबली

बिलासपुर। सीबीआई को उच्चाधिकारियों के खिलाफ एफआईदर्ज करने के निर्देश देने के बाद आज इस मामले में रिव्यू (विचार आवेदन) कोर्ट पहुंचे अधिकारियों को उस समय निराशा हाथ लगी जब कोर्ट ने उनका आवेदन लेने से ही मना कर दिया। उच्चन्यायालय ने राज्य शासन के आवेदन को भी यह कहते हुए लेने से मना कर दिया कि शासन जब पहले ही स्वीकार कर चुकी है कि गड़बडी हुई है तो अब उस पर विचार करने को क्यों कह रही है।

मालुम हो कि छग उच्चन्यायालय के युगल पीठ ने दो दिन पहले ही कागजों में बने स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से करोड़ों रूपए के घोटाले में कई उच्चाधिकारयों के विरूद्ध एफआईआर करने का निर्देश सीबीआई को दिया है। इनमें कई आईएएस स्तर के अधिकारी हैँ। कोर्ट के निर्देश के बाद अधिकारियों तथा शासन में खलबली मची हुई है। इस मामले में आईएएस अधिकारी हाईकोर्ट पहुँचे और विचार आवेदन लेने का आग्रह न्यायालय के समक्ष किया। कोर्ट नंबर तीन तीन ने इसे लेने से इंकार कर दिया।
इस मामले पर राज्य सरकार की ओर से भी आवेदन प्रस्तुत किया गया उसे भी कोर्ट ने यह कहते हुए मना कर दिया कि शासन जब पहले ही स्वीकार कर चुकी है कि गड़बडी हुई है तो अब उस पर विचार करने को क्यों कह रही है।

मालूम हो कि आज सुबह से ही इस मामले को लेकर भारी गहमा-गहमी का माहौल देखा गया। इस हाईप्रोफाइल मामले में दिल्ली के प्रमुख अधिवक्ता जिनकी संख्या लगभग 12 बतायी गयी है इस मामले में चार्टर्ड प्लेन से यहां पहुंच गए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वे सभी शाम 4 बजे एक बार फिर इस मामले में रिव्यू आवेदन लेने का निवेदन अदालत से करने वाले हैं।

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