मध्य प्रदेश

थरूर बोले- गांधी परिवार के बिना कांग्रेस की कल्पना अधूरी, अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि अपने लिए समर्थन जुटाने आए भोपाल …

भोपाल. शशि थरूर ने 1 दिन पहले कहा था कि वह जिन राज्यों में समर्थन के लिए जा रहे हैं वहां पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी नेता उनसे मिल नहीं रहे हैं. लेकिन शुक्रवार को जब वे भोपाल पहुंचे तो उनका यह दर्द कुछ कम जरूर हो गया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शशि थरूर से अकेले में करीब 15 मिनट मुलाकात की. नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह भी उनसे मिले. मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से इस मुलाकात के बाद शशि थरूर ने कहा- यह सही है कि कई प्रदेशों में मेरा वैसा स्वागत नहीं हुआ, जैसा खड़गे का हुआ. लेकिन जिस तरह का स्वागत मेरा एमपी में हुआ, उसके लिए मैं कमलनाथ और गोविंद सिंह का आभारी हूं.

कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच के मुकाबले पर सबकी नजर है. लेकिन खड़गे के मुकाबले शशि थरूर को प्रदेश इकाइयों में समर्थन नहीं मिलने का उनका दर्द मध्यप्रदेश आकर जरूर कम हो गया है. उनके दर्द पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने मरहम लगा दिया है. शशि थरूर ने 1 दिन पहले कहा था कि वह जिन राज्यों में समर्थन के लिए जा रहे हैं, वहां पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी नेता उनसे मिल नहीं रहे हैं. लेकिन जब वे भोपाल आए तो उनसे न केवल पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने उनसे अकेले में करीब 15 मिनट मुलाकात की, बल्कि नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह भी उनसे मिले. इस पर उन्होंने दोनों नेताओं का आभार भी व्यक्त किया.

कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर हो रहे चुनाव की निष्पक्षता के सवाल पर शशि थरूर ने कहा- राजस्थान में अशोक गहलोत खड़गे के साथ प्रचार कर रहे हैं, लेकिन इस तरह की शिकायतों पर मुझे सोचना नहीं है. चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को यह देखना चाहिए कि कहां गलत हो रहा है, उस पर कार्रवाई करें. थरूर ने कहा- बीजेपी और आरएसएस एक ही है. जब चुनाव होता है तो आरएसएस की शाखा के कार्यकर्ता बीजेपी के पक्ष में प्रचार करते हैं. कांग्रेस को बीजेपी के साथ आरएसएस पर भी राजनीतिक हमले तेज करना होंगे, तभी 2024 में कांग्रेस मजबूत हो पाएगी. चुनाव के दौरान अपने और पराये के सवाल पर शशि थरूर ने कहा- अभी यह बताने का सही समय नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष का रिमोट सोनिया राहुल गांधी के हाथ में होने के सवाल पर शशि थरूर ने कहा, कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद का चुनाव पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाने वाला है, लेकिन बिना गांधी परिवार के यह पूरा नहीं हो सकता. गांधी परिवार के सहयोग के साथ ही संविधान के तहत कांग्रेस अध्यक्ष काम करेगा.

अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपने समर्थन में वोट मांगने भोपाल पहुंचे सांसद शशि थरूर ने भोपाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि खडग़े वैसा परिवर्तन नहीं ला सकते जैसा मैं ला सकता हूं। मैं परिवर्तन का उम्मीद्वार हूं और खडग़े नेतृत्व के नेता हैं। जैसा मैं सोचता हूं वैसा परिवर्तन कांग्रेस और देश दोनों के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि भोपाल आकर मैं बहुत खुश हूं। यहां मुझे लोगों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ राजस्थान के CM अशोक गहलोत के प्रचार करने पर ऐतराज जताया। उन्होंने कहा, कांग्रेस इलेक्शन अथॉरिटी के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री को देखना चाहिए कि कहां गलत हो रहा है। इसके हिसाब से कार्रवाई करें।

उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के आंतरिक चुनाव हैं। हम नई ऊर्जा के साथ चुनाव में आमजन के पास जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इन चुनावों में खडग़े साहब की जीत हो या मेरी सवाल यह नहीं है, हम पार्टी की मजबूती के लिए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को सवालों पर शशि थरूर ने कहा कि इस चुनाव से यह स्पष्ट हो गया है कि कांगे्रस की मजबूती बढ़ती जा रही है। आप देखिए कि हमारे देश में कोई ऐसी पार्टी नहीं है।

थरूर ने कहा, 2014 और इसके बाद हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 19 फीसदी वोट मिले। इस हालत में हम कब तक रहेंगे। इसका एक ही इलाज है कि हमें जनता को दिखाना होगा कि कांग्रेस पार्टी दोबारा आकर्षित पार्टी बन रही है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव पर शशि थरूर ने कहा, आज हम कार्यकर्ताओं से पूछ रहे हैं कि आप क्या चाहते हो? हमें जवाब देने का मौका भी मिल रहा है। पार्टी के मूल्य पार्टी के सिद्धांत हैं। पार्टी के बड़े फैसले लेने में कार्यकर्ताओं की राय ली जाए, ये सोच कांग्रेस पार्टी में नहीं है। ये पार्टी की बहुत बड़ी कमी है। कार्यकर्ताओं की हमेशा शिकायत रहती है कि कांग्रेस हाईकमान या नेतृत्व से कभी बात या मुलाकात नहीं हो पाती है। ऐसे में उन्हें स्टेक होल्डर्स होने का एहसास नहीं होता है।

शशि थरूर के दौरे की सूचना भोपाल के कई नेताओं को नहीं मिली। भोपाल के पार्षदों का कहना है कि पीसीसी से कार्यक्रमों की सूचना लोकल के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नहीं दी जा रही है। पीसीसी में शशि थरूर पहुंचे, लेकिन यहां पार्टी के 100 नेता और कार्यकर्ता भी नहीं जुटे। सुबह 11 बजे तक विधायक लक्ष्मण सिंह, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह, जेपी धनोपिया, नितेंद्र सिंह राठौर ही नजर आए। भोपाल लोकल के एक भी विधायक यहां नहीं पहुंचे। उधर, इससे पहले भोपाल आ चुके मल्लिकार्जुन खडग़े के दौरे के वक्त पीसीसी में कार्यकर्ताओं का भारी हुजूम उमड़ा था। हालांकि, खडग़े के भोपाल दौरे के वक्त भी भोपाल के कई कांग्रेस नेता नजर नहीं आए।

प्रदेश कांग्रेस में 502 प्रतिनिधि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में अपने मत का प्रयोग करेंगे। इसमें 15 मनोनीत सदस्य और 487 प्रतिनिधि हैं, जिनमें कांग्रेस के 95 विधायक भी शामिल हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मतदान होगा। कांग्रेस के बड़वाह से विधायक सचिन बिरला चुनाव में मतदान नहीं कर सकेंगे। उन्होंने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाकर बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया था। इसके बाद से कांग्रेस उनकी सदस्यता खत्म करने के लिए विधानसभा में आवेदन कर चुकी है।

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