मध्य प्रदेश

व्यापारियों की शिकायत के बाद सीएम का एक्शन : शराब सिंडीकेट से वसूली और फर्जी केस बनाने में नपे मुरैना एसपी आशुतोष बागरी

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना एसपी आशुतोष बागरी को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए। जिसके बाद प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने एसपी को हटाकर भोपाल मुख्यालय भेजने का आदेश गुरुवार रात को जारी कर दिया है। एसपी बागरी की कार्यशैली से नाराज ग्रामीणों व व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से उनके मुरैना प्रवास के दौरान शिकायत की थी, जिसके बाद सीएम ने यह निर्णय किया।

बागरी पर शराब सिंडीकेट से अवैध वसूली और टारगेट पूरा करने के लिए निर्दोषों को फर्जी मुकदमें में फंसाने के आरोप लगे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को मुरैना जिले के दौरे पर थे। इस दौरान सीएम ने विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत की। इसी दौरान मुख्यमंत्री की सभा में पहुंचे ग्रामीणों व व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से मुरैना एसपी की शिकायत की। इससे पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी ग्रामीणों व व्यापारियों की शिकायत सीएम को भेज चुके थे। स्थानीय लोग मुरैना एसपी की कार्यशैली को लेकर खासे नाराज थे। अनेक मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से भी स्थानीय लोग एसपी से नाराज थे। इसके बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना प्रवास के दौरान मिली शिकायतों के बाद मुरैना एसपी को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद गुरुवार रात को ही मप्र सरकार के गृह विभाग ने आदेश जारी कर मुरैना एसपी के पद से आशुतोष बागरी को हटा दिया है। बागरी 2015 बैच के आईपीएस हैं। उनको पुलिस मुख्यालय भोपाल में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के पद पर पदस्थ किया गया है।

व्यापारी पर झूठा केस

सूत्रों के अनुसार सीएम के दौरे के पहले भी ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक के सामने हंगामा किया था। इसमें शराब के अवैध कारोबार को संरक्षण देने और कुछ मामलों में शराब सिंडीकेट से अवैध वसूली के लेकर शिकायत की गई थी। साथ ही टारगेट पूरा करने कट्टा गेम भी चर्चा में है। इसके लिए बेगुनाहों पर कट्टा की कार्रवाई की जा रही थी। एक व्यापारी को भी इसी तरह अंदर किया गया था जिसके बाद आज सैकड़ों व्यापारी सीएम से मिले थे।

पहले भी चर्चा में रहे बागरी

पहले भी आशुतोष बागरी इंदौर पश्चिम में पुलिस अधीक्षक के पद पर रहते हुए जमीन से जुड़े कारोबार को लेकर आरोपों में घिरे थे। माफियाओं को संरक्षण देने के भी आरोप लगे थे। बागरी ने आरोपों को नकार दिया था। वे दूसरी बार तब चर्चा में आए जब उनके पिता ने सरकारी नौकरी में होते हुए नियम विरुद्ध मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में दूसरी बार लाभ लिया था। इस मामले में सतना जिला कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए उनके पिता को निलंबित भी किया हुआ है।

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