लेखक की कलम से

गोलीबाज पिता ने बच्चे को दिया पैकेज …

 

एक बच्चे ने बाप को बोला कि बाइक दिलवाओ। पिता जी अपने जमाने के मशहूर गोलीबाज थे, उन्होंने उसको कई दिन तक टरकाया, लेकिन मजबूर होकर, उन्होंने शाम को 8 बजे उसके लिए एक 20 लाख रुपये के पैकेज की घोषणा की, जिस पैकेज से वो बच्चा जो मन आए वो कर सकता था।

बच्चा खुश ! खूब तारीफ की पिताजी की ! मसलन आप वर्ल्ड के बेस्ट पापा है वगैरह वगैरह।

अब बात आई 20 लाख रुपये की, तो गोलीबाज बाप ने कहा कि बेटा इस पैकेज की डिटेल कल तुम्हारी माता जी करेंगी।

बच्चा बहुत खुश हुआ रात भर खुशी के मारे पिताजी के चरण दबाता रहा और व्हाट्सएप्प फ़ेसबुक पर सब दोस्तो को बताया, कल उसको 20 लाख का पैकेज मिलने जा रहा है।

दूसरे दिन शाम को 4 बजे उसकी माताजी ने पैकेज की घोषणा की ! बोली बेटा मैं तेरी मां हूँ, इसलिए मेरा पैकेज तेरे पापा से भी ज्यादा बड़ा होगा, बच्चा बहुत गदगद हुआ।

  अब पैकेज समझाते हुए बोली  

1- बेटा तेरे जन्म लेते समय हॉस्पिटल का बिल आया था, 40 हजार का, नोट कर इसको।

2 – तेरे को जन्म देने से पहले हम दोनों अर्थात मम्मी पापा की शादी तो करनी पड़ती न, तो हमारी शादी में कुल खर्चा हुआ था, 2 लाख ! नोट कर इसको।

3 – तेरे जन्म से अब तक तेरी पढ़ाई में खर्चा हुआ 5 लाख ! नोट कर इसको।

4 – तेरे खाने-पीने, रहने, कपड़े, मेडिकल, गिफ्ट, खिलौने, वगैरह में अब तक ख़र्चा हुआ है 7 लाख ! नोट कर इसको।

बच्चा कुछ समझ नहीं पा रहा था, झुंझला भी रहा था, अब तक वो 14 लाख 40 हजार का जोड़ लगा चुका था।

5 – तेरे ग्रेजुएशन और आगे की पढ़ाई में करीब 10 लाख का खर्चा और होगा, उसके लिए हम किसी बैंक से लोन ले लेंगे।

अब जोड़ कितना हुआ ? बच्चा बोला 24 लाख 40 हजार रुपए।

तो ये तेरा पैकेज, जो तेरे पापा ने दिया था न, उससे भी ज्यादा दे दिया है मैंने ! अब 24 लाख 40 हजार में से बाइक का इंतजाम तुझे कैसे करना है, कोन सी बाइक, किस रंग, डिज़ाइन, कंपनी की लेनी है ? तू खुद, अपनी पसंद से ले लेना।

बच्चा कई बार टोटल जोड़ बाकी सब लगा चुका है, गिनती बराबर 24 लाख 40 हजार की बैठ रही है, वो खुश भी है कि मम्मी का पैकेज पापा से भी 20% ज्यादा है लेकिन बाइक कहाँ से आए, यह सवाल अभी भी बना हुआ है ?

 उधर बच्चे के दोस्त उसका मजाक उड़ा रहे कि तेरे को बेवकूफ बनाया गया है, पैकेज के नाम पर लाखों का हिसाब समझने की बजाय यदि तुझे 5-7 हजार भी नकद दे दिए होते तो कोई न कोई सेकंड हैंड बाइक ले आता इतने में ! बेशक नई न आती लेकिन काम तो चल जाता। 

©संकलन – अनिल तिवारी, महासचिव व्यापारी महासंघ, बिलासपुर, छत्तीसगढ़

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