मध्य प्रदेश

विपक्ष के ‘इंडिया’ पर शिवराज ने ली चुटकी : बोले- दूल्हा तय नहीं, फूफाजी पहले ही हुए नाराज

भोपाल। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) गठबंधन परमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीखा कटाक्ष किया है। शिवराज ने कहा कि अभी दूल्हा तो तय नहीं हुआ फूफा नाराज हो गए। देखा होगा कि अभी नीतीश जी ने कहा यह ‘इंडिया’ मैं सहमत नहीं हूं। कभी लालू कुछ कह रहे हैं तो अभी बिना दूल्हे की बारात में फूफा नाराज हुए हैं, कल क्या होगा…? प्रधानमंत्री की लोकप्रियता इतनी जबरदस्त है कि अलग-अलग राज्यों में एक-दूसरे को पानी पी-पीकर गाली देने और कोसने वाले अब दिल्ली में दोस्ती इसलिए कर रहे हैं कि मोदी अगर रहे तो काले कारनामे और भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी कीमत पर बचेंगे नहीं। इसलिए जो दागदार हैं, वह सभी इकट्‌ठे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी के समर्थन की बाढ़ देखकर एक पेड़ पर बैठने की कोशिश कर रहे हैं।

मुस्कुराइए… आप मप्र में हैं

शिवराज ने कहा- मुस्कुराए प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। याद कीजिए वो दिन जब 2003 तक श्रीमान बंटाधार जी की सरकार हुआ करती थी। ना पानी, ना बिजली, ना सडक़ें और सवा साल वो भी याद कीजिए जब किए गए वादे निभाए नहीं गए। कर्जमाफी हो, बेरोजगारी भत्ता हो, किसानों को समर्थन मूल्य को ऊपर बोनस देना हो एक भी वादा कांग्रेस ने पूरा नहीं किया था। मैडम प्रियंका जी… बेटियों की हम शादी करते थे बेटियों की शादी तो हो गई लेकिन उनका पैसा नहीं दिया। हम लोग बैगा, भारिया और सहरिया बहनों को एक हजार महीने देते थे, कमलनाथ ने वह भी बंद कर दिए थे। बेटा-बेटियां अगर अच्छे नंबर लाते थे तो उन्हें लैपटॉप देते थे। ये योजना भी बंद कर दी। संबल योजना बंद कर दी। तीर्थ दर्शन योजना बंद कर दी और प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान जो गरीबों के सर पर छत देने का काम करते हैं वे भी देना बंद कर दिए।

हम विकास पर्व मना रहे

शिवराज बोले… मुझे बताते हुए खुशी है कि प्रदेश की ग्रोथ रेट कभी माइनस में हुआ करती थी, इस साल 16 प्रतिशत के ऊपर है। पिछले साल 18 प्रतिशत के ऊपर थी। मुझे गर्व है कि एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट जो दुनिया में मानी जाती है कि दो-तीन परसेंट अगर है तो काफी है। प्रदेश की एग्रीकल्चरल ग्रोथ रेट लगातार एक दशक तक 18प्रतिशत रही है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार ने पिछले 17 साल में विकास का एक नया इतिहास रचा है। 2003 तक टूटी-फूटी एक लाख किलोमीटर सडक़ें हुआ करती थी। सडक़ों को गड्ढों में ढूंढना पड़ता था। आज 4 लाख 11 हजार किलोमीटर शानदार सडक़ें बनाई हैं। अब नए एक्सप्रेस, अटल, विंध्य, नर्मदा एक्सप्रेस पर काम कर रहे हैं।

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