मध्य प्रदेश

अमित के शाही भोज के बहाने सिंधिया का ‘शक्ति प्रदर्शन’, ग्वालियर में स्वागत और सिंधिया महल की भव्यता देख राजघराने के मुरीद हुए शाह …

ग्वालियर। देश में भाजपा संगठन व सत्ता के शक्ति केंद्र कहे जाने वाले केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ग्वालियर में अपने शाही स्वागत से काफी खुश नजर आए। शाह को शाही भोज के बहाने केन्द्रीय नागरिक उड्‌डयन मंत्री ने एक तरह से ‘शक्ति प्रदर्शन’ किया है। इसका उन्हें ग्वालियर-चंबल की राजनीति में खासा वजन भी मिल गया है। 11 अक्टूबर को महाकाल मंदिर में प्रधानमंत्री के साथ-साथ नजर आने वाले सिंधिया ने अब गृहमंत्री शाह को भी अपने शाही अंदाज का दीवाना बनाकर अपना मुरीद कर लिया है। इससे उनके विरोधियों की जुबान बंद हो गई है।

एक तरह से भाजपा में आने के बाद सिंधिया लगातार अपना कद बढ़ाते जा रहे हैं। अमित शाह के दौरे पर सिंधिया की सक्रियता को 2023 के विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि 2024 का लोकसभा चुनाव सिंधिया ग्वालियर से लड़ सकते हैं. संगठन व सत्ता के शक्ति केंद्र केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह केंद्रीय नागरिक उडडयन एवं इस्पात मंत्री के अंचल के विकास की महत्वाकांक्षी योजना राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयर टर्मिनल के विस्तार की आधारशिला रखने के लिये रविवार को ग्वालियर आए। अमित शाह, उनके करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया के आमंत्रण पर जयविलास पैलेस में शाही भोज के साथ मराठी इतिहास की गैलरी का शुभारंभ करने के लिए भी गए।

मतलब साफ है रविवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ग्वालियर में लगभग 4 घंटे 11 मिनट रुके हैं, इनमें से लगभग डेढ़ घंटा वह सिंधिया के महल में रुके और शाही भोज का आनंद लिया। ग्वालियर अंचल की स्थानीय राजनीति में इस शाही भोज को सिंधिया का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने संसदीय क्षेत्र कूनो श्योपुर नेशनल पार्क में चीतों के पुनर्वास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आये थे। इन दोनों दिग्गजों के बीच ग्वालियर-चंबल अंचल में वर्चस्व की लड़ाई किसी से छुपी नहीं है। उल्लेखनीय है कि सिंधिया राजघराने का जयविलास पैलेस राजमाता विजयाराजे सिंधिया के समय से ही केंद्र और राज्य की राजनीति को लेकर सुर्खियों में रहा है. अब अमित शाह के दौरे के बाद सिंधिया राजवंश का सबसे पावरफुल सेंटर जयविलास पैलेस, एक बार फिर चर्चाओं के केंद्र में आ गया है

एयर टर्मिनल के विस्तार के शिलान्यास के बहाने सिंधिया महल में सत्ता केन्द्र और प्रधानमंत्री के राइट हैंड अमित शाह को जयविलास पैलेस में शाही भोज पर आमंत्रण देने पर राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि यह शाही भोज स्थानीय राजनीति में सिंधिया की संगठन में मजबूत पकड़ को प्रदर्शित करेगा। जिससे स्थानीय राजनीति के समीकरणों में बड़ा उलटफेर हो सकता है। कांग्रेस में पूरा सम्मान न मिलने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ली। इसके बाद अपनी दादी राजमाता विजयराजे सिंधिया की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सारे प्रयास किए। परंतु भाजपा की सदस्यता लेते ही भाजपा की दूसरी पंक्ति के नेताओं में प्रतिद्वंदिता न चाहकर भी शुरू हो गई है। अमित शाह और ज्योतिरादित्य की बढ़ती नजदीकियों को राजनीतिक गलियारों में सिंधिया की बीजेपी में लकीर बड़ी करने की तैयारी भी माना जा रहा है।

भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अच्छे से समझ गए हैं कि यदि उनको सत्ता में टॉप पर पहुंचना है तो जनता के लोकप्रिय होने के साथ-साथ संगठन में भी पकड़ मजबूत होना बेहद जरूरी है। इसके लिए वह भाजपा में शामिल होने के बाद से ही लगातार प्रयास कर रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने भाजपा के हिंदूवादी छवि के नेता जयभान सिंह पवैया के घर पहुंचकर विवाद को खत्म किया था। इसके बाद वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंचकर नमन करने के साथ कई विरोधियों का मुंह हमेशा के लिए बंद किया। अब ग्वालियर में शाह के शाही भोज के सहारे वह संगठन में पकड़ मजबूत बनाते जा रहे हैं। वे इस बात से वाकिफ हैं कि सत्ता का स्तंभ बनने के लिये संगठन में मजबूत पकड़ जरूरी है। इसके लिये वह भाजपा के प्रमुख नेताओं से मेल-जोल बढ़ा रहे हैं। उनके घरों पर दस्तक देकर पारिवारिक संबंध बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

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