मध्य प्रदेश

बड़े खुलासे : भोपाल में बालगृह के नाम पर जर्मनी से फंडिंग, परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति के संचालित संस्था

भोपाल
 राजधानी के परवलिया थाना क्षेत्र के तारासेवनिया में संचालित आंचल बालगृह का संचालन विदेशी फंडिंग से हो रहा था। इतना ही नहीं संचालकों ने विदेश से आ रही फंडिंग का खुलासा नहीं किया था।

जांच रिपोर्ट में खुलासा

यह खुलासा जिला कलेक्टर की ओर से बनाई गई जांच कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है। संचालकों ने कमेटी को बालगृह की 2019 की अनुमति भी दिखाई है लेकिन इसकी सत्यता की जांच होना बाकी है।

26 बच्चियां हुई थीं गायब

तारासेवनिया के आंचल बालगृह से 26 बच्चियों के गायब होने की सूचना के बाद हड़कंप मच गया था। हालांकि बाद में बच्चियां स्वजन के पास मिल गई थीं लेकिन बालगृह बिना अनुमति चलने का खुलासा हुआ था।

आयुक्‍त, कलेक्‍टर ने किया था निरीक्षण

आंचल बालगृह प्रकरण सामने के आने के बाद आयुक्त पवन शर्मा और कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बालगृह का निरीक्षण किया था। प्रारंभिक जांच में अनियमितता पाए जाने के बाद कलेक्टर ने जांच के लिए तीन कमेटियां बनाई थीं। कमेटियों में से एक ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।

जांच कमेटी की रिपोर्ट मिली

कलेक्टर सिंह ने बताया कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आ गई है जिसमें संचालन विदेशी फंडिंग से होना पाया गया है। इस बालगृह को जर्मनी से फंडिंग की जा रही थी, कब-कब कितनी फंडिंग और इसका उपयोग कहां-कहां किया गया इसकी विस्तृत जांच कराई जा रही है। अनुमतियों की जांच के दौरान संचालकों ने 2019 की एक अनुमति दिखाई है। अनुमति सही है कि नहीं इसका पता नहीं है।

जर्मनी से फंडिंग

जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि बालिका गृह के संचालक को जर्मनी से फंड आता था। पुलिस इस मामले में यह जांच करेगी कि जर्मनी से फंड कैसे आता था और किस संस्थान से आता था। इन तमाम बिंदुओं की जांच की जा रही है।

इसके साथ ही पुलिस की पूछताछ में अनिल मैथ्यू ने स्वीकार किया है कि हम तो ईसाई धर्म ही मनवाते थे। जिन बच्चों को यह स्वीकार नहीं था, वह यहां से चले गए। ईसाई धर्म अपनाने के लिए वह बच्चियों को प्रलोभन भी देता था। साथ नियमित रूप से उन्हें प्रभु यीशु की प्रार्थना में भाग लेना होता था। वह कहता था कि जो कुछ भी मिल रहा है, वह प्रभु यीशु ही दे रहे हैं। चर्च में भी प्रार्थना के लिए उन्हें मजबूर किया जाता था।

प्रशासन अब अनिल मैथ्यू के खातों की जांच करेगी। आखिर उसके पास कहां-कहां से इस बाल गृह के संचालन के लिए फंड आ रहे थे। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि अभी तक इसने कितने लोगों का धर्मांतरण करवाया है।

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