मध्य प्रदेश

सीएमएचओ कार्यालय का लेखापाल सहित 3 कर्मचारी 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा

लोकायुक्त की कार्रवाई : जिला पब्लिक हेल्थ नर्सिंग अधिकारी से समयमान एरियर्स के भुगतान के बदले मांगी थी घूस

भोपाल। सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ लेखापाल, कप्यूटर ऑपरेटर सहित क्लर्क तीनों को गुरुवार दोपहर साढ़े तीन बजे तीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए भोपाल लोकायुक्त टीम ने सीएमएचओ कार्यालय के अंदर रंगे हाथों पकड़ा लिया। लोकायुक्त पुलिस की इस छापामार कार्यवाही से कार्यालय में हडक़ंप मच गया। कार्यालय के कर्मचारी कुछ समझते उसके पहले ही लोकायुक्त टीम ने लेखापाल महेश मेवारी, कप्यूटर ऑपरेटर संतोष नागाईच और सहायक ग्रेड-3 क्लर्क गजेंद्र वर्मा तीनों को हिरासत में ले लिया। लोकायुक्त डीएसपी वीके सिंह के नेतृत्व में निरीक्षक आशीष भट्टाचार्य, मनोज पटवा सहित नौ सदस्यीय टीम ने तीनों को पकड़ा हैं।

लोकायुक्त निरीक्षक आशीष भट्टाचार्य ने बताया कि सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ जिला पब्लिक हेल्थ नर्सिंग अधिकारी निर्मला थंडवाल ने 17 जुलाई को लोकायुक्त में शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने कहा कि सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ लेखापाल महेश मेवारी, कप्यूटर ऑपरेटर संतोष नागईच और क्लर्क गंजेंद्र वर्मा उनका सातवे समय वेतनमान की एरियर्स राशि साढ़े सात लाख रुपए निकालने के एवंज में 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की गयी हैं। जबकि शिकायतकर्ता महिला खुद भी सीएमएचओ कार्यालय में जिला पब्लिक हेल्थ नर्सिंग अधिकारी हैं। महिला पिछले चार महीने से यह राशि निकलवाने के लिए परेशान थी। इस मामले की महिला ने जबलपुर हाईकोर्ट में भी शिकायत की थी। महिला की शिकायत पर हाईकोर्ट ने भी महिला के की राशि देने को शासन को लिखा था। लेकिन सीएमएचओ कार्यालय में बैठे घूसघोर दलाल ने महिला अधिकारी से रिश्वत की मांग की थी। जिसकी पहली किश्त 30 हजार रुपए की राशि शिकायतकर्ता महिला ने लेखापाल बाबू महेश मेवारी के पास लेकर पहुंची थी। बाबू ने महिला से कहा कि कंप्यूटर ऑपरेटर कक्ष में जाकर क्लर्क गजेंद्र वर्मा के हाथ में रिश्वत की राशि दी थी। क्लर्क गजेंद्र वर्मा ने तुरंत रिश्वत की राशि कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष नागाईच के हाथों में दी। इसके बाद तुरंत लोकायुक्त टीम कक्ष में पहुंचकर लेखापाल, कंप्यूटर ऑपरेटर और क्लर्क को हिरासत में ले लिया। लोकायुक्त की नौ सदस्यी टीम में डीएसपी वीके सिंह, निरीक्षक आशीष भट्टाचार्य, मनोज पटवा, प्रधान आरक्षक रवींद्र मिश्रा, रामदास, महिला प्रधान आरक्षक नेहा परदेशी, आरक्षक संदीप सिंह, मनमोहन साहू टीम में शामिल थे।

रिश्वत के बाद तीनों हाथ धुलवाए

लोकायुक्त टीम ने रिश्वत वाले रुपए लेने के बाद लेखापाल बाबू महेश मेवारी, कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष नागाईच और क्लर्क गजेंद्र वर्मा के हाथ धुलवाएं तो लाल हो गये। इधर रिश्वत लेने वाले लेखापाल बाबू, कंप्यूटर ऑपरेटर और क्लर्क तीनों एक दूसरे पर रिश्वत के रुपए लेने का आरोप लगा रहे हैं। क्लर्क गजेंद्र वर्मा ने बताया कि उसे रुपए लेनदेन का कुछ मालूम नहीं था। महिला अधिकारी कक्ष में आई तो रुपए उन्होंने मुझे दिए। लेकिन वह रुपए तुरंत मैने कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष नागाईच को दे दिए। लोकायुक्त टीम ने भी उन्हीं के कंप्यूटर के पास से रुपए जब्त किये हैं। फिलहॉल इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामले को जांच में लिया हैं।

एक साल पहले घूस लेते सीएमएचओ और जिला लेखापाल पकड़ा चुके

लोकायुक्त ने एक साल पहले भी सीएमएचओ कार्यालय में छापामार कार्यवाही करते हुए तत्कालीन सीएमएचओ डॉक्टर प्रदीप मोजेश को 2 हजार और जिला लेखापाल प्रबंधक भावना चौहान को 5 हजार रुपय की रिश्वत लेते पकड़ा चुके हैं। इस मामले के बाद डिस्ट्रिक्ट अकॉउंटेंट मैनेजर (डीएएम) भावना चौहान को हटा दिया गया है। वहीं सीएमएचओ मोजेश का तबादला बुरहानपुर में सिविल सर्जन पद पर किया था। सीएमएचओ कार्यालय में लोकायुक्त की कार्यावाही होना कोई बड़ी बात नहीं हैं। बताया जा रहा है कि अब तीन बार यहा लोकायुक्त के छापे पड़ चुके हैं।

वर्जन…

लोकायुक्त निरीक्षक आशीष भट्टाचार्य ने बताया कि सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ महिला अधिकारी निर्मदा थंडवाल से समयमान एरियर्स की साढ़े सात लाख रुपए की राशि निकालने के एव में 50 हजार रुपए की रिश्वत की तीनों ने मांग की थी। इसकी पहली किश्त 30 हजार रुपए देते हुए तीनों को रंगे हाथों पकड़ा है।

शिकायतकर्ता निर्मला थंडवाल समयमान एरियर्स की राशि साढ़े सात लाख रुपए निकलने के एवंज में मुझसे तीनों बाबूओ ने 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत लोकायुक्त से की गयी। 30 हजा रुपए देते ही लोकायुक्ट टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया।

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