मध्य प्रदेश

साईं बाबा को लेकर दिए बयान पर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने माफी मांगी

ट्वीट में कहा- मेरा हमेशा संतों के प्रति सम्मान है, मैंने शंकराचार्य के शब्दों को दोहराया

जबलपुर। बागेश्वर धाम के महंत और विश्व विख्यात कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर जबलपुर में दिए गए अपने बयान पर ट्वीट के जरिये माफी मांगी है। उन्होंने अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए ट्वीट किया- ‘मेरा हमेशा संतों के प्रति, महापुरुषों के प्रति सम्मान है और रहेगा’।

पर्चा लिखकर दुखी और पीड़ितों की समस्याओं और तकलीफों का निवारण करने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथा वाचक पं. धीरेंद्र शास्त्री ने छह दिन पहले जबलपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कहा था कि शंकराचार्य ने साईं बाबा को कभी भी देवता नहीं माना था। शंकराचार्य की बात मानना सभी सनातनी का धर्म है, क्योंकि वह हमारे धर्म के प्रधानमंत्री हैं और जो भी हमारे धर्म के संत हैं, वह कल्प पुरुष हैं, लेकिन भगवान नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि साईं बाबा फकीर हो सकते हैं, संत हो सकते हैं, लेकिन भगवान कभी नहीं हो सकते। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता है। इस बयान को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है। शिवसेना (उद्धव गुट) युवा सेना के नेता और शिरडी साईं संस्थान के पूर्व ट्रस्टी राहुल कनाल ने इस बयान को लेकर मुंबई पुलिस से शिकायत कर कड़ी कार्रवाई की मांग कर डाली।

विवाद और विरोध बढ़ने पर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने साईं बाबा वाले अपने बयान पर खेद जताते हुए बागेश्वर धाम सरकार के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडिल से बयान जारी कर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है – ‘मेरा हमेशा संतों के प्रति, महापुरुषों के प्रति सम्मान है और रहेगा। मैंने कोई एक कहावत बोली, जो हम अपने संदर्भ में बोल रहे थे कि अगर हम छतरी पीछे लगाकर कहें कि हम शंकराचार्य हैं तो ये कैसे हो सकता है… हमारे शंकराचार्य ने जो कहा वो हमने दोहराया कि साईं बाबा संत फ़क़ीर हो सकते हैं और उन में लोगों की निजी आस्था है। अगर कोई व्यक्ति किसी संत गुरु को निजी आस्था से भगवान मानता है, वह उसकी निजी आस्था है, हमारा इसमें कोई विरोध नहीं… हमारे किसी शब्द से किसी के हृदय को ठेस पहुंची उसका हमें दिल की गहराइयों से दुख है और खेद है।

Back to top button