मध्य प्रदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपना जन्मदिन मध्यप्रदेश में मनाएंगे …

भोपाल। मध्यप्रदेश के श्योपुर के राष्ट्रीय कूनो पालपुर अभयारण्य में अफ्रीकी चीतों को इसी महीने लाया जाएगा. पीएम मोदी के हाथों इन्हें कूनो पालपुर राष्ट्रीय अभयारण्य को सौंपा जाएगा. चीते हवाई मार्ग से लाए जा रहे हैं. उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी आएंगे. इसे देखते हुए कूनो में 9 हेलीपैड बनाए जा रहे हैं. पीएम दौरे की अन्य तैयारियां भी लगभग पूरी की जा चुकी हैं.

श्योपुर जिले के दौर पर आए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि चीते इसी महीने कूनो में लाए जाएंगे. कोशिश की जा रही है कि इस परियोजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवाया जाए. तोमर के इस बयान के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि दुनिया में अपनी रफ्तार के लिए पहचाना जाने वाला अफ्रीकन चीता इसी महीने कूनो में कदम रख लेगा. पीएम नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन यानि 17 सितंबर को अभयारण्य में ये नये मेहमान आ जाएंगे. वहीं, मंगलवार को राजधानी भोपाल में कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों से औपचारिक चर्चा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि अपने जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में रहेंगे और प्रदेश को चीता परियोजना की सौगात देंगे।

चीतों के बाड़े में तेंदुआ

अफ्रीका और नामीबिया से रिलोकेशन योजना के तहत मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो पालपुर अभयारण्य में 20 चीते लाए जाने की परियोजना पर लंबे समय से काम चल रहा है. चीतों के लिए विशेष बाड़ा भी बनकर तैयार हो गया है. इस बाड़े में पिछले दिनों तीन तेंदुए घुस गए थे, हाथियों की मदद से दो तेंदुआ को बाहर निकाल लिया गया है लेकिन, अभी भी एक तेंदुआ बाड़े में ही घुसा हुआ है, उसे निकालने की तैयारी कूनो प्रबंधन कर रहा है.

भारत में चीता प्रोजेक्ट के तहत लाए जा रहे 8 अफ्रीकन चीते

कूनो पालपुर पार्क में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से 8 चीते श्योपुर लाए जाएंगे। पीएम पार्क से 15 किमी दूर कराहल में आयोजित महिला स्व-सहायता समूह की कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इसी दिन नामीबिया से आठ चीता श्योपुर पहुंच जाएंगे। जिन्हें प्रधानमंत्री पार्क में स्थित विशेष बाड़े में छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री के आगमन के सिलसिले में पार्क में 5 और कराहल में 4 हेलिपैड बनाए गए हैं। अफ्रीकन चीते की खासियत यह है कि यह एक छोटी-सी छलांग में अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 460 मीटर तक लगातार दौड़ सकता है। 3 सेकंड में ही 103 की रफ्तार पकड़ लेता है।

भारत से लुप्त हो चुके चीतों की एक बार फिर हो रही एंट्री

भारत से लुप्त हो चुके चीतों की एक बार फिर एंट्री होने जा रही है। वर्ष 1947 में ली गई सरगुजा महाराज रामानुशरण सिंह के साथ चीते की तस्वीर को अंतिम मान लिया गया था। इस हिसाब से देखा जाए तो 75 वर्ष पहले चीता भारत से खत्म हो गए थे। इसके बाद वर्ष 1952 में भारत सरकार ने चीते को विलुप्त जीव घोषित कर दिया गया था। इस हिसाब से देखा जाए तो 70 साल बाद यह चीता एक बार फिर भारत लाया जाएगा। गुजरात के गिर अभयारण्य से बब्बर शेर न मिलने पर भारत सरकार ने वर्ष 2010 में कूनो में चीता बसाने की योजना बनाई थी। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से 8 चीतों को भारत लाया जा रहा है। इन्हें श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा। 17 सितंबर को पीएम मोदी 72 साल के हो जाएंगे और 73वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। यह पीएम मोदी को जन्म दिन पर एक ‘बड़ा गिफ्ट’ होगा।

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