बिलासपुर

हिंदू नव वर्ष पर भव्य शोभायात्रा निकालने हुई तैयारी बैठक

तिलकनगर सामुदायिक भवन में धर्म प्रेमी हुए शामिल

बिलासपुर। नगर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हिन्दू नव वर्ष विक्रम संवत 2077 की भव्य शोभा यात्रा निकालने का निर्णय विराट हिन्दू समाज द्वारा लिया गया है। आज दोपहर को तिलनकगर में इस संबंध में हुई बैठक में नगर के सभी सामाजिक राजनीतिक संगठनों भजन मंडलिय मातृ शक्तियां ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया किया गया कि इस बार भी यह शोभा यात्रा हिन्दू नव वर्ष दिवस चैत्र शुक्ल प्रथमा को अर्थात 25 मार्च को निकाली जाएगी। इसके लिये सभी हिन्दू भाइयोँ से 25 मार्च को दोपहर 2 बजे तक पुलिस मैदान में पहुचने का आग्रह किया गया।

उस दिन विशाल शोभा यात्रा यहीं से दीपक पूजा अर्चना के पश्चात प्रारंभ होगा और लिंक रोड से होते हुए तारबाहर चौक, वहां से गांधी प्रतिमा चौक और फिर शहर के मुख्यमार्ग से जुनाबिलासपुर, जवाली पुल, गोलबाजार, सदरबाजार व सिम्स चौक होते हुए तिलकनगर स्थित हनुमान मंदिर में महाआरती भोग प्रसाद के पश्चात सजीव हनुमान के द्वारा भक्तिमय नृत्य प्रस्तुति का कार्यक्रम भी रखा गया है, तत्पश्चात कार्यक्रम का समापन होगा।

इस प्रस्तावित शोभायात्रा में हर साल की तरह बड़ी संख्या धार्मिक व राष्ट्रीयता से ओतप्रोत झांकिया भी होंगी। जिनका निर्माण हिन्दू समाज के विभिनन घटकों और नगरों के मुख्य मंदिरों की ओर से किया जाएगा। इस बार वनवासी रामजी की झांकी नए रूप और साज-सज्जा के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम राजाधिराज श्रीराम के पूरे वैभव यश और कीर्ति के साथ प्रकट होगी।

शोभायात्रा का नेतृत्व मर्यादा पुरुषोत्तम राम की झांकी करेगी। साथ ही इलाहाबाद से पधारे सजीव हनुमान की भी झांकी एक नए रूप में रहेगी। आज की बैठक में झांकियों के निर्माण समेत आयोजन की विभिन्न व्यवस्थाओं और तैयारियों पर चर्चा कर इस बाबत जिम्मेदारियो का निर्धारण किया गया। वहीं 25 मार्च को प्रस्तावित नव वर्ष की इस शोभायात्रा में हजारों की संख्या में धर्म प्रेमियों की उपस्थिति और इसके लिये जरूरी प्रचार प्रसार व जनसंपर्क करने का संकल्प लिया गया। नारी व मातृशक्ति ने भी संकल्प लिया कि उनकी भी भागीदारी अधिक से अधिक रहेगी।

ऐतिहासिक महत्व

इसी दिन भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था। भगवान झूलेलाल की जयंती भी इसी दिन पड़ती है। सिख के दूसरे गुरु का भी जन्मदिन इसी दिन पड़ता है। ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना भी इसी दिन की थी।

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