बिलासपुर

फोन टैपिंग जांच : सुप्रीम कोर्ट के प्रकोप से बचने की कवायद -कौशिक

बिलासपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा स्मार्टफोन कॉल को अवैध रूप से टेप कराने के मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने के निर्णय को हास्यास्पद कवायद करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल शायद सुप्रीम कोर्ट से फोन टैपिंग मामले में शासन को मिली फटकार के बाद अपना दामन बचाने के लिए ऊल-जुलुल हरकत कर रहे हैं। कौशिक ने कहा कि ऐसी अनावश्यक कवायदों से सीएम अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।

श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश के विकास और जनकल्याण के लिए मिले जनादेश की अनदेखी कर तमाम गैरजरूरी मुद्दों में सीएम अपनी हाजिरी दे रहे हैं। यह तमाम कवायद सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के हास्यास्पद हथकंडे हैं। श्री कौशिक ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री बघेल किस मुंह से नागरिक स्वतंत्रता के हनन पर क्षोभ जता रहे हैं? वस्तुत: मुख्यमंत्री बघेल को भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नाम का फोबिया हो गया है। उन्हें एक तरह का अज्ञात राजनीतिक भय हमेशा सताता है और वे इसके चलते हर बात को भाजपा के कार्यकाल से जोड़कर पार्टी को बदनाम करने की कोशिशें करते हैं। 

श्री कौशिक ने कहा कि नागरिक स्वतंत्रता और निजता के हनन का कांग्रेस का काला इतिहास रहा है। हाल में सुको की टिप्पणी भी उसी इतिहास पर मुहर जैसा है। उन्होंने कहा कि बौखलायी कांग्रेस को हर सरकार और दल का वैसा ही चरित्र दिखता है। अपने नजरिए और सोच में व्यापक सुधार लाकर मुख्यमंत्री बघेल को इस तरह के हथकंडों से बचने की सलाह देते हुए नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि जिम्मेदारपद पर बैठे मुख्यमंत्री को गैर जिम्मेदाराना व्यवहार और बयानों से बचना चाहिए।

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