मध्य प्रदेश

एमपी स्टेट कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन फर्जी नियुक्ति मामला: तीन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर

परीक्षा परिणाम की वैधता समाप्त होने के 252 दिन बाद इंदौर दुग्ध संघ के प्रबंधक को दी ज्वाइनिंग, दस्तावेज किए गायब

भोपाल। एमपी नगर पुलिस ने इंदौर दुग्ध संघ के प्रबंधक (विपणन) समेत 23 अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा करने वाले एमपीसीडीएफ के तीन अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं पर केस दर्ज किया है। उन पर आरोप हैं कि परीक्षा परिणाम की वैधता समाप्त होने के करीब 252 दिन बाद इंदौर दुग्ध संघ के प्रबंधक (विपणन) को ज्वाइनिंग आदेश दिया। आरोपियों ने फर्जीवाड़ा करने के लिए परीक्षा परिणाम से जुड़े आदेश, नियमावली के दस्तावेज तक गायब कर दिए। अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
एमपी नगर पुलिस के मुताबिक, थम्मन सिंह काम्प्लेक्स जबलपुर निवासी विजय कुमार पाण्डेय एमपीसीडीएफ (मध्य प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन) हेड ऑफिस से प्रभारी प्रशासक के पद से रिटायर्ड हुए हैं। उन्होंने सीबीआई से शिकायत की थी। आवेदन में बताया था कि इंदौर दुग्ध संघ प्रबंधक (विपणन) पंकज पाण्डे की नियुक्ति परीक्षा परिणाम की वैधता समाप्त होने के बाद की गई है। उन्होंने बताया कि परीक्षा परिणाम की वैधता 13 जनवरी 2018 को समाप्त हो चुकी थी। लेकिन, इसके करीब 252 दिन बाद पंकज पाण्डे को नियुक्ति दी गई। इसकी जानकारी प्रबंधक संचालक एमपीसीडीएफ भोपाल को 17 मई 2018 को दी गई थी। पांडे के अलावा 23 अन्य अधिकारियों को जारी नियुक्ति आदेशों में भी की गई है। पुलिस ने अनियमितता करने वाले अधिकारी आरपीएस तिवारी, शाखा जोहरी, जयश्री रमेशन को आरोपी बनाया है। इन्होंने परीक्षा से जुड़े आदेशों के साथ छेडछाड़, दस्तावेज गायब करने का आरोप है।
व्यापमं ने आयोजित की थी परीक्षा
विजय पांडेय ने बताया कि यह पूरी गड़बड़ी उन्होंने खुद पकड़ी। एमपीसीडीएफ की तत्कालीन एमडी अरुणा गुप्ता तक को आरोपियों ने परीक्षा संबंधी आदेश नहीं दिखाए। जब विभाग ने फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों को नोटिस जारी किया तो वे कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली। पंकज पाण्डे को संस्पेंड किया जा चुका है।

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