मध्य प्रदेश

विधानसभा का मानसून सत्र आज से : 185 ध्यानाकर्षण और 1642 प्रश्नों के साथ सदन में होगा हंगामा

सचिवालय के कार्यभारित कर्मचारी और संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर्स होंगे नियमित, मप्र विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने की घोषणा

भोपाल। मध्य प्रदेश की पन्द्रहवीं विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार 11 जुलाई से आरंभ होकर शनिवार दिनांक 15 जुलाई, 2023 तक चलेगा। इस बार सत्र 5 दिन का ही होगा। शनिवार को भी सदन बैठेगा। यानी इस पांच दिवसीय सत्र में सदन की पांच बैठकें होंगी। विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह के अनुसार मानसून सत्र की अधिसूचना जारी होने से अब तक विधानसभा सचिवालय में तारांकित प्रश्न 841 एवं तारांकित प्रश्न 801 कुल 1642 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जबकि ध्यानाकर्षण की 185, स्थगन प्रस्ताव की 22, अशासकीय संकल्प की 17, शून्यकाल की 23 तथा नियम- 139 की भी 01 सूचना प्राप्त हुई। 3 विधेयक भी विधानसभा सचिवालय में प्राप्त हुए हैं।

आज से 5 दिनों तक चलने वाली इस विधानसभा का मनूसत्र को अहम माना जा रहा है। सरकार हुक्का बार पर प्रतिबंध का विधेयक लाएगी। हुक्का बार संचालित करने पर कम से कम एक साल की साल होगी। इस सत्र में 20 हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश होगा। निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक भी लाया जाएगा। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ये चालू विधानसभा का संभवत: आखिरी सत्र होगा। सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाएगी और विपक्ष उसे घेरने की तैयारी में है। इस सत्र के ठीक पहले मप्र के अलग-अलग इलाकों से आदिवासियों और दलितों के साथ हुई मारपीट और उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। मानसून सत्र में भी विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।

दिवंगत नेताओं को दी जाएगी श्रृद्धांजलि

मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत नेताओं को श्रृद्धांजलि दी जाएगी। पूर्व विधायक मधुकर हर्षे, रमेश शर्मा का बीते दिनों निधन हो गया था। मानसून सत्र में इन्हें श्रृद्धांजलि दी जाएगी। वहीं, पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया और पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच को भी श्रृद्धांजलि दी जाएगी। इसके अलावा, 30 मार्च को इंदौर के बेलेश्वर मंदिर की बावडी धंसने से मृत लोगों को भी श्रृद्धांजलि दी जाएगी।

भनोट बोले- दमखम से उठाएंगे आदिवासी अत्याचार और भ्रष्टाचार का मुद्दा

मानसून सत्र को लेकर सोमवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने बताया कि बैठक में सहमति बनी कि मानसून सत्र में उज्जैन में हुए महाकाल लोक घोटाले, सतपुड़ा भवन में लगी आग और हाल ही में सीधी में आदिवासी युवक के साथ हुए अत्याचार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। तरुण भनोट ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता महंगाई बेरोजगारी और कुशासन से त्रस्त है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिर्फ झूठे वादे करते हैं और जनता की आकांक्षाओं पर यह सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के सवाल पर भनोट ने कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाएंगे। आदिवासी अत्याचार का मुद्दा उठाएंगे। प्रदेश के ऊपर चढ़ते जा रहे कर्ज का मुद्दा उठाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष जी सुनिश्चित करें कि वह जनता के इन विषयों पर चर्चा करेंगे, तो सदन सुचारू रूप से चलेगा। विधानसभा सत्र में अनुपूरक बजट आने के सवाल पर भनोट ने कहा कि यह बजट जनता के कल्याण के लिए नहीं आ रहा अनुपूरक बजट इसलिए आ रहा है कि शिवराज सरकार 50 फीसदी एडवांस कमीशन ले सके और भ्रष्टाचार कर सके।

शिवलिंग व हनुमान जी की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर पूजन करते स्पीकर व अन्य उपस्थितजन।

विधानसभा स्थित मां भवानी मंदिर प्रांगण में शिवलिंग व हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा

विधानसभा परिसर स्थित मां भवानी मंदिर प्रांगण में सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम एवं मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले समाजसेवी विनोद शुक्ला विधानसभा के प्रमुख सचिव ए.पी. सिंह प्रमुख सचिव की उपस्थिति में शिवलिंग तथा हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। पहले श्रावण सोमवार को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक पूजन अर्चन कार्यक्रम चला। मंदिर के जीर्णोद्धार के पश्चात मां भवानी, शिवलिंग एवं हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के अवसर पर मंगलवार दिनांक 11 जुलाई,23 को विशाल भंडारा आयोजित किया गया है जिसमें मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, मंत्रिमंडल के सदस्य तथा विधायक, समाजसेवी एवं विधानसभा सचिवालय के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। आसपास के क्षेत्र की जनता को अनुमति दर्शन/प्रसाद रहेगी।

स्पीकर ने की 110 कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा

शिवलिंग एवं हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधानसभा सचिवालय में विगत 30 वर्षों से 110 कार्यभारित कर्मचारी नियमितीकरण की प्रतीक्षा में है उनमें से कुछ तो सेवा करते करते कार्यभारित के रूप में ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वे कई वर्षों से अपनी पीड़ा विभिन्न फोरम पर व्यक्त कर चुके हैं उनकी वर्षों पुरानी मांग को पूर्ण करते हुए गौतम ने विधानसभा सचिवालय के समस्त कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित किए जाने की घोषणा की। इसी तरह विधानसभा सचिवालय में शासन की नीति के अनुसार 18 कंप्यूटर ऑपरेटर विगत 10 एवं 6 वर्षों से संविदा पदों पर कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री महोदय ने समस्त संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण की घोषणा की उसी अनुक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ने समस्त संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर्स को भी शासन की नीति अनुसार नियमित कंप्यूटर ऑपरेटर के पदों पर पदस्थ किए जाने की घोषणा की।

 

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