मध्य प्रदेश

आरबीआई के सभी बैंकों को निर्देश, कहा- 2 हजार के जमा होने वाले नोटों का डेटा मेंटेन करें बैंक

आरबीआई गवर्नर बोले- 4 महीने का समय दिया गया है,  कोई जल्दबाजी की जरूरत नहीं है, आराम से बैंक जाएं और 2000 रुपए के नोट बदलें

मुंबई/भोपाल। भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि रोजाना जमा हो रहे दो हजार के नोट का डेटा मेंटेन करें। आरबीआई की ओर से सोमवार को इससे संबंधित निर्देश जारी किए गए हैं। आरबीआई की ओर से कहा गया है कि नियमों के तहत जितने चाहे उतने नोट बदले जा सकते हैं।

साथ ही, केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि बाजार में दूसरे मूल्य वर्ग के नोटों की कमी नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आम जनता को काउंटर पर 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से प्रदान की जाएगी, जैसा कि पहले प्रदान किया जा रहा था। ज्ञात हो कि मंगलवार 23 मई, 2023 से बैंकों में नोट बदलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके लिए बैंकों ने तैयारी कर ली है। बैंकों के साथ, देश भर के 19 आरबीआई क्षेत्रीय कार्यालय 2000 रुपए के नोट बदलेंगे। इसको लेकर आरबीआई ने देशभर के सभी बैंकों को गाइडलाइंस जारी की है। इस संबंध में एक प्रोफार्मा जारी किया गया है। बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराएं।

अफरा-तफरी से बचने की सलाह

आरबीआई गवर्नर ने लोगों से अपील की है कि वे नोटों की अदला-बदली करने के लिए कतई परेशान न हों। किसी भी अफरातफरी से बचें। इस बीच वे 2000 रुपये के नोट के साथ 30 सितंबर तक खरीदारी भी कर सकते हैं। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 4 महीने का समय दिया गया है, कोई जल्दबाजी की जरूरत नहीं है इसलिए आप आराम से बैंक जाए और 2000 रुपए के नोट बदलें। चिंता करने या परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि टैक्स वसूलने वालों पर ईडी और सीबीआई नजर रखेगी।

नोट का मकसद हुआ पूरा

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि दो हजार के नोटों को छापने का फैसला 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के दौरान करेंसी की कमी को पूरा करने के लिए लिया गया था। अब यह मकसद पूरा हो चुका है। पर्याप्त मात्रा में वह उद्देश्य पूरा हो गया है, आज अन्य मूल्यवर्ग के पर्याप्त नोट प्रचलन में हैं। उन्होंने कहा कि देश में दो हजार के नोटों का चलन काफी कम हो गया है। यह 6 लाख 73 हजार करोड़ के अपने उच्चतम स्तर से घटकर लगभग 3 लाख 62 हजार करोड़ रुपये हो गया है। छपाई भी बंद कर दी गई है। 2000 के नोटों ने अपना जीवन चक्र पूरा कर लिया है।

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