बिलासपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि प्रमुख 26 दवा कंपनियां अपने भुगतान के लिए भटक रही है और स्वास्थ्य विभाग केवल कुछ ही व्यक्तियों पर मेहरबान है। स्वास्थ्य विभाग में दवा सप्लाई का आलम यह है कि केवल कुछ व्यक्तियों के अलावा कोई टेंडर भी नहीं भर सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि किसके इशारे पर संपूर्ण दवा की खरीद-फरोख्त मनमाने ढंग से कागजों में हो रही है और बिना सप्लाई के करोडों का भुगतान हो रहा है। इन सबके बाद भी करीब 150 करोड़ का भुगतान शेष है। वही जिसकी जांच हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री ने कराई है और शिकायत सही पाए जाने से अचंभित है और मजबूर है।
कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ दवा निगम भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल को सरकार ने भ्रष्टाचार का जरिया मान लिया है, जिलों के सीएमओ मनमानी खरीदी कर रहे है। जिसकी शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
कौशिक ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में दवा की कमी बनी हुई है, आलम यह है कि बिजली बंद होने से आक्सीजन की सप्लाई बंद होने की तक शिकायतें सामने आ रही है, नए फरमान में सात दिन से ज्यादा मरीजों को अस्पतालों में भर्ती नहीं रखने जैसी शिकायतें भी जिलों से मिल रही है।
कौशिक ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की जनता इस त्रासदी में सरकार के कृत्यों को भुलने वाली नहीं है। असम के उम्मीदवारों को यहां लाकर कैसे रखा गया है, उन्हें जनता से कोई मतलब नहीं है,इसलिए जनता को सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है।