छत्तीसगढ़बिलासपुर

10 हजार वेंडर, 3500 का पंजीयन, सबके ठेले सड़क पर, लाखों की दुकानों पर ताले, वेंडर पॉलिसी फेल …

बिलासपुर । अभी सड़कों पर बेहिसाब संख्या में फल व अन्य चीजों की दुकानें दिखाई देती हैं, उनमें स्थानीय कम दूसरे राज्यों से आकर कारोबार करने वाले अधिक हैं। इनकी कोई पहचान पुलिस के रिकाॅर्ड में नहीं है। आलम यह है जिन लोगों से यह ठेले किराए से लेते हैं, उनके पास भी इनके आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र नहीं हैं। यह गंभीर स्थिति है।

बृहस्पति बाजार, जेल रोड, वाल्मीकि चौक, शनिचरी रपटा-चौपाटी, चांटीडीह सब्जी मंडी, सरकंडा, श्रीकांत वर्मा मार्ग, मगरपारा रोड सहित शहर की अधिकांश सड़कों पर शाम को जाम की कई वजहों में सड़क पर दुकान, ठेले लगाने वालों की भीड़ भी एक है। स्मार्ट सिटी और नगर निगम मिल कर भी वेंडरों की व्यवस्था नहीं बना पाया है। अफसरों के मुताबिक शहर में ठेले और सड़क पर दुकान लगाने वालों की संख्या 10 हजार से अधिक होगी। वेंडर पाॅलिसी के अंतर्गत पंजीयन 3500 का ही किया जा सका है।

इसमें रिवर व्यू रोड पर 32 वेंडरों को कियोस्क आबंटित किया गया है। शहर भर में 100 से अधिक वेंडरों को कियोस्क या स्थान नहीं दिया जा सका है। इससे समझा जा सकता है कि सड़कों को ठेले, वेंडरों के हवाले कर दिया गया है। वेंडर पाॅलिसी के मूल में वेंडरों को अस्थाई तौर पर एक निर्धारित स्थान उपलब्ध कराना है, ताकि सड़कों पर ट्रैफिक अप्रभावित रहे और वेंडर भी स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें।

नगर निगम ने सरकंडा मुक्तिधाम के पीछे 25 लाख की लागत से 48 दुकानदारों के लिए शेड युक्त चबूतरे का निर्माण साल 2017 में कराया। शिफ्टिंग के अभाव में चबूतरे अब तक खाली पड़े हैं और सुभाष चौक से नूतन काॅलोनी और पुराने पुल से सुभाष चौक पर सड़क किनारे सब्जी मंडी आबाद हो गई। इनके चलते सुबह शाम ट्रैफिक जाम की नौबत रहती है,क्योंकि डिवाइडर के बाद आधी सड़क पर दुकानदारों का कब्जा रहता है।

स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने करीब 1 करोड़ की लागत से 100 मॉड्यूलर कियोस्क के निर्माण का ठेका 3 साल पहले दिया था। ये कियोस्क इमलीपारा रोड, टाउनहाल सहित कई स्थानों पर आबंटन के अभाव में वर्षों तक पड़े रहे। स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने सरकंडा मुक्तिधाम के पास 39 लोगों को कियोस्क आबंटित किया है। आवेदकों ने बैंक से कर्ज लेकर 98 हजार में कियोस्क खरीदा, परंतु 5-7 को छोड़कर शेष लोगों को कियोस्क का कब्जा नहीं दिया गया है। कारण वह अधूरे पड़े हैं।

स्मार्ट सिटी के अंतर्गत लंबी प्रक्रिया के बाद जिन 100 लोगों को मोड्यूलर कियोस्क आबंटित करने लिखा पढ़ी की गई, उनमें से 60 को अशोक नगर में जगह दी जानी थी। ठेकेदार कियोस्क तैयार नहीं कर पा रहा है, जिसके चलते आबंटन की प्रक्रिया ठप पड़ी है। आवेदकों ने इसकी शिकायत अपर आयुक्त से की है।

-पीएम स्व-निधि योजना के अंतर्गत जितने वेंडरों का पंजीयन किया गया है, उनके अतिरिक्त दुकान, ठेले अवैध होंगे। इनके विरुद्ध अतिक्रमण की कार्रवाई की जाएगी।

-पुलिस अधीक्षक से बैठ कर सर्वाधिक व्यस्त सड़कों को नो वेंंडिंग जोन घोषित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन जगहों का चिन्हांकन किया जाएगा, जहां दुकानें लगाने पर ट्रैफिक अव्यवस्थित न हो।

अशोक नगर, सरकंडा मुक्तिधाम के पास स्मार्ट सिटी ने जिन आवेदकों को मॉड्यूलर कियोस्क आबंटित करने पत्र दिया है, वह चाबी के लिए घूम रहे हैं। आवेदकों ने इसकी शिकायत कलेक्टर के जनचौपाल में की। टीएल में प्रकरण 2022 से लंबित होने पर स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने सहायक प्रबंधक श्रीकांत नायर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

कोनी में रेग्युलराइज करेंगे

कोनी रोड पर जितनी दुकानें बेजा कब्जा पर बनी हैं, उनको रेग्युलराइज किया जाएगा। इसके लिए वेंडर पालिसी के अंतर्गत पंजीयनशुदा लोग पात्र होंगे। वेंडरों को वहीं जगह दी जाएगी, जहां उनके कारोबार करने से ट्रैफिक प्रभावित न हो। -राकेश जायसवाल, अपर आयुक्त, नगर निगम

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