लेखक की कलम से

आसान नहीं होता …

देश प्रेम गीत

 

इस देश प्रेम की धारा में

बहना आसान नहीं होता

तज अपने स्वार्थ, देश का

हो जाना, आसान नहीं होता

रोती बेटी, बिलखती माँ

पायल का प्रेम छोड़ कर

चल देना, आसान नहीं होता

इस देश प्रेम की धरा में

बहना आसान नहीं होता

सर्दी, गर्मी, बारिश, धूप

गला देतीहै जब हड्ड़ी,

ज़िंदा रखना जनून,

आसान नहीं होता

इस देश प्रेमकी धारा में

बहना आसान नहीं होता

बढ़ जाते हैं बच्चे बिन देखे

बीत जाते त्यौहार बिन आए

आने न आने की शंका में

जीना, आसान नहीं होता

इस देश प्रेम की धारा में

बहना आसान नहीं होता

ठगा रह जाता है बाप

कलेजा माँ का छलनी

बेटे को कंधा देना

आसान नहीं होता

इस देश प्रेम की धारा में

बहना आसान नहीं होता

आसान नहीं होता

 

  ©डॉ. दलजीत कौर, चंडीगढ़    

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