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वैक्सीन ही नहीं मिलेगी तो फिर 1 मई से कैसे शुरू करेंगे टीकाकरण, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने केंद्रीय व्यवस्था पर उठाए सवाल …

मुंबई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि यदि दवा की उपलब्धता नहीं रही तो फिर हम टीकाकरण कैसे कर सकेंगे। राजेश टोपे ने कहा कि हम खर्च भी करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ऐसे बहुत कम मैन्युफैक्चरर हैं, जो वैक्सीन की सप्लाई के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 1 मई से 18 साल से अधिक आयु वाले लोगों का वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है, लेकिन इसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन कराना होगा और अपॉइंटमेंट लेना होगा। राजेश टोपे ने कहा कि सीधे केंद्र में पहुंचने की बजाय लोगों को पहले से पंजीकरण कराना होगा।

राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार वैक्सीन की खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की ओर से अब तक हमारी मांग के संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से 12 करोड़ वैक्सीन की मांग की गई है। राजेश टोपे ने कहा कि इसके बाद भी हमें वैक्सीन नहीं मिल रही है। ऐसे में हम टीकाकरण का अभियान कैसे शुरू कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी सिर्फ हमारी ही स्थिति नहीं है बल्कि देश के कई राज्यों में यही हालात हैं।

महाराष्ट्र में 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग में 5 करोड़ से ज्यादा लोग हैं। अब यदि दो डोज के हिसाब से देखा जाए तो महाराष्ट्र में 12 करोड़ डोज की जरूरत है। महाराष्ट्र कैबिनेट की ओर से जल्दी ही वैक्सीन की खरीद को लेकर फैसला लिया जा सकता है। राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से अपील की है कि वह इस मामले में जल्दी दखल दे। इसके अलावा हमने भारत सरकार से अपील की है कि वह वैक्सीन की खरीद में मदद करे। महाराष्ट्र के हेल्थ मिनिस्टर ने कहा, ‘हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि प्राइवेट सेक्टर में वैक्सीन के रेट भी तय किए जाएं।’

राजेश टोपे ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने हमें बताया है कि 20 मई तक के लिए वैक्सीन की डिमांड केंद्र सरकार की ओर से है। ऐसे में उससे पहले महाराष्ट्र को सप्लाई नहीं की जा सकती। महाराष्ट्र में वैक्सीनेशन को लेकर टोपे ने कहा कि 4,193 केंद्रों के तहत टीकाकरण को कवर किया जा सकता है। राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में वैक्सीन की बर्बादी 2 फीसदी ही है। हम देश में वैक्सीनेशन के मामले में अग्रणी राज्यों में से एक हैं।

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