मध्य प्रदेश

एमपी में नवरात्र गरबा उत्सवों में आईडी से एंट्री, गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक, 2 दिन में 8 मुस्लिम युवक पकड़े, पुलिस ने किए केस दर्ज …

भोपाल/इंदौर/उज्जैन। मध्यप्रदेश में इस नवरात्र गरबा उत्सवों में पहचान पत्र दिखाने पर ही एंट्री दी जा रही है। पहली बार ऐसी स्थिति बनी है। कुछ जगह तो गरबा पंडालों के बाहर बोर्ड लगाकर लिखा गया- गैर हिंदू एंट्री न करें…। इंदौर में 2 दिनों में अपनी पहचान छुपाकर गरबा पंडालों में घुसे 8 मुस्लिम युवक पकड़े गए। पहचान छिपाकर एंट्री और लड़कियों पर अश्लील कमेंट्स करने जैसे आरोप में पुलिस ने इन पर एक्शन भी लिया है। उज्जैन में जहां गरबे में आ रहे पार्टिसिपेंट्स के आईडी कार्ड चेक करने के अलावा उन्हें तिलक भी लगाया जा रहा है। वहीं, नर्मदापुरम में आयोजकों ने ड्रेस कोड तक लागू किया है।

उल्लेखनीय है कि नवरात्र शुरू होने से 15 दिन पहले ही मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा था कि गरबा उत्सवों में आइडेंटिटी कार्ड देखकर ही एंट्री दी जाएगी। गैर हिंदुओं को एंट्री नहीं दी जाएगी। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा था- गरबे लव जिहाद का जरिया बन चुके हैं। महिलाओं की सुरक्षा जरूरी है। गरबा नृत्य मां भगवती की उपासना है। इसमें किसी दूसरे धर्म के लोगों, जो हिंदू बेटियों और महिलाओं के साथ अभद्रता करें, को शामिल होने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।

उज्जैन में नानाखेड़ा के गरबा पंडाल में एंट्री गेट के बाहर ‘सेवा ही संकल्प सांस्कृतिक समिति’ ने पोस्टर लगा रखे हैं। यहां आईडी दिखाकर और तिलक लगाकर एंट्री दी जा रही है। पोस्टर में लिखा है- गैर हिंदू पंडाल में प्रवेश नहीं करें। समिति के अध्यक्ष बहादुर सिंह राठौर ने बताया कि समिति सदस्य हर आने-जाने पर निगाह रखते हैं। साथ ही आधार कार्ड या दूसरे पहचान पत्र चेक करने के बाद तिलक लगाकर ही एंट्री दी जा रही है।

नर्मदापुरम शहर में हो रहे केसरिया गरबा उत्सव में आयोजकों ने सिंगल एंट्री पर रोक लगा रखी है। साथ ही ड्रेस कोड लागू किया है। यहां महिलाओं को साड़ी और सलवार-सूट पहनी महिलाओं को ही एंट्री दी जा रही है, जबकि पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा या धोती आवश्यक है। इसके अलावा आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र होना भी जरूरी है।

कलेक्टर अविनाश लवानिया ने भोपाल के गरबा आयोजकों को निर्देश दे रखे हैं कि एंट्री के लिए पहचान पत्र जरूर देखें। ऐसा नहीं हुआ तो आयोजकों पर कार्रवाई की जाएगी। इसलिए राजधानी भोपाल की गरबा आयोजक समितियों द्वारा भी पंडालों में आईडी दिखाए जाने पर ही एंट्री दी जा रही है। इसी तरह खंडवा में भी महिला-पुरुष सभी के लिए आधार कार्ड दिखाना जरूरी किया गया है। खंडवा के केसरिया गरबा महोत्सव के आयोजक रितेश कपूर ने बताया कि बड़े गरबा पंडाल में भी आधार कार्ड पर एंट्री दी जा रही है। भले ही महिला हो या फेमिली, उन्हें आई कार्ड दिखाए जाने पर ही प्रवेश दिया जा रहा है।

इंदौर में गुरुवार रात पलसीकर कॉलोनी के गरबा पंडाल में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने एक मुस्लिम युवक को पकड़ा। बताया जाता है कि इमरान खान लड़कियों पर अश्लील कमेंट कर रहा था। उसकी जमकर पिटाई करने के बाद उसे रावजी बाजार पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस उसे थाने ले गई। इसके एक दिन पहले पंढरीनाथ चौराहे के गरबा पंडाल में पहचान छिपाकर आए 7 मुस्लिम युवकों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। ये युवक वहां फोटो-वीडियो बना रहे थे, उनकी हरकतें देखकर बजरंग दल के सदस्यों को उन पर शक हुआ। उन्होंने उनका नाम पूछा और आईडी दिखाने को कहा। इस पर सभी युवकों ने अपने नाम गलत बताए। उन्होंने आईडी मांगने पर भी नहीं दिखाई। इसके बाद उन युवकों को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने सभी सातों युवकों पर प्रतिबंधात्मक धाराओं में कार्रवाई की गई है।

8 सितंबर को एमपी की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने ग्वालियर में कहा था कि गरबा पंडाल लव जिहाद का बड़ा माध्यम बन चुके हैं, इसलिए आईडी दिखाना जरूरी है। उनके इस बयान का पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी समर्थन किया था। उमा भारती ने कहा था कि जो लोग ‘जय माता दी’ नहीं बोलते या जो ‘माता के जयकारे’ नहीं लगाते, उन्हें गरबा में प्रवेश नहीं देना चाहिए। इसके बाद से प्रदेश में गरबा आयोजकों ने गरबा पंडालों में प्रवेश के लिए आईडी दिखाना आवश्यक कर दिया।

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