‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाले’ डॉ. आनंद राय सरकारी सेवा से बर्खास्त
सरकार ने रीवा किया था ट्रांसफर डॉ. राय ने नहीं दी ज्वाइनिंग

भोपाल। व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन को लेकर राज्य सरकार और अधिकारियों पर लगातार हमलावर रहे व्हिसिलब्लोअर डॉ आनंद राय को राज्य सरकार ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। डॉक्टर राय, इंदौर के हुकुमचंद जिला चिकित्सालय में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे।

व्यापमं कांड की नौकरियों में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर देशभर में चर्चित हुए और सत्ता पक्ष के निशाने पर आए व्हिसिलब्लोअर डॉ आनंद राय नौकरी को सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। सोमवार को नौकरी में कदाचरण को लेकर सरकार ने की कार्रवाई। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अवर सचिव सीमा डेहरिया द्वारा जारी आदेश में उन पर आठ बिंदुओं पर लगाए गए आरोपों के जवाब से असंतुष्ट होकर यह कार्रवाई किए जाने का उल्लेख है। गौरतलब है कि डॉक्टर आनंद राय राज्य सरकार को विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार निशाने पर ले रहे थे। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए काम करने वाले सामाजिक संगठन जयस के साथ मिलकर भी कई आंदोलनकारी गतिविधियों में पर्दे के पीछे से रणनीतिकार के रूप में काम करने का राय पर आरोप है। उनके कदमों से सरकार नाराज बनी हुई थी। इसके अलावा कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर भी डॉ राय के उठाए मुद्दे और वक्तव्य सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्र चिन्ह लगा रहे थे।
यह भी लगे विभागीय आरोप
- डॉ. राय पर आरोप है कि विगत 29 एवं 30 मार्च को किए गए उप संचालक स्वास्थ्य सेवाएं की औचक निरीक्षण में डॉ राय अपने कर्तव्य स्थल से अनुपस्थित थे। जबकि उपस्थिति रजिस्टर पर उनके हस्ताक्षर थे।
- जांच में पाया गया कि 15 फरवरी 2022 से 15 मार्च 22 की अवधि के दौरान डॉ राय 18 दिन ही अपने कर्तव्य स्थल पर उपस्थित थे, जबकि छह दिनों में उनकी अनुपस्थिति का उनके द्वारा लघुकृत या आकस्मिक अवकाश लेने का आवेदन भी पेश नहीं किया गया।
- 29 मार्च 22 की अनुपस्थिति की जानकारी लेने के चलते उसी दिन आपके द्वारा अस्पताल अधीक्षक को लघुकृत अवकाश का आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें डॉ राय को आदेशित किया गया कि शाम 5 बजे मेडिकल बोर्ड के समक्ष जांच के लिए उपस्थित हों, लेकिन शाम 5 से 7 बजे के दौरान डॉ राय मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित नहीं हुए।
- डॉ. राय ने उनकी व उनकी पत्नी के कर्तव्य स्थल पर की गई जांच को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार व अफसरों को लेकर सवाल उठाते हुए टिप्पणी की, जिसे अनुचित माना गया।