मध्य प्रदेश

शिवराज ने बताई देश भक्ति की नई परिभाषा: नेता घपले-घोटाले ना करें, बच्चों के हाथ में किताब हो, ड्रग की पुड़िया नहीं…

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश भक्ति की नई परिभाषा बताई। उन्होंने युवाओं, कर्मचारियों और अधिकारियों को सीख दी है। उन्होंने कहा है कि देश के लिए आज जान देने की नहीं, बल्कि ईमानदारी से काम करने की जरूरत है। नेता घपले-घोटाले ना करें। शिक्षक ठीक से पढ़ाएं। डॉक्टर ठीक से इलाज करें। इंजीनियर पुल निर्माण अच्छे से करें। वे सीमेंट की जगह रेत न मिलाएं।

वे आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत यहां रवींद्र भवन में महान कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की जयंती के मौके पर ‘स्मरण: सुभद्रा कुमारी चौहान’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने नेताओं के लिए भी कहा, वे भ्रष्टाचार न करते हुए जनता के लिए कर्मठता से काम करें। सभी को समाज और देश के प्रति ईमानदार रहते हुए जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा, मोबाइल ने बच्चों की जनरेशन बिगाड़ने में बड़ा रोल प्ले किया है। मोबाइल एक ऐसा यंत्र बन गया है, जहां सीखने के बजाय बच्चे अब बिगड़ने लगे हैं। बच्चे मोबाइल में अश्लील वीडियो देखकर भ्रमित हो रहे हैं। उन्हें साहित्य पढ़ने की जरूरत है। उनके हाथ में किताबें होना चाहिए, ड्रग्स की पुड़िया नहीं। युवाओं में अलख जगाने की जरूरत है। नहीं तो देश बरबादी की ओर बढ़ता चला जाएगा।

चौहान ने रघुनंदन शर्मा ने किताब के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें 40- 45 क्रांतिकारियों के बारे संक्षिप्त जानकारी है। 401 छंद की पुस्तक को एक ही कविता के रूप में लिखा है। पुस्तक बताती है, ये आजादी हमें उपहार में प्राप्त नहीं हुई। इसके लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा है। यदि हम सोचते हैं, हमें आजादी शांतिपूर्ण धरने से मिली है, तो यह भी गलत है। क्रांतिकारियों के इसी संघर्ष को व्यक्त करने का प्रयास पुस्तक में किया है।

आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत रवींद्र भवन में सोमवार को महान कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की जयंती के मौके पर ‘स्मरण: सुभद्रा कुमारी चौहान’ का आयोजन किया गया। इस मौके पर सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं पर आधारित सांगीतिक प्रस्तुति और पुस्तक ‘आजादी बनाम फांसी अथवा कालापानी’ का विमोचन किया गया।

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