पेण्ड्रा-मरवाही

राज्यपाल अनुसुइया उईके ने कहा- स्व. भंवर सिंह आदिवासी समाज के लिए समर्पित रहे, इसलिए मसीहा थे…

पेंड्रा। राज्यपाल अनुसुइया उईके ने जनजातिय गौरव दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मरवाही और पेंड्रा में आज जो भी काम हुए हैं वह स्व. भंवर सिंह पोर्ते की रखी हुई नींव है। आदिवासियों के लिए सदैव समर्पित रहे और वास्तव में वे आदिवासी समाज के मसीहा थे।

लंबे अंतराल के बाद पोर्ते परिवार द्वारा पेंड्रा में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्व. भंवर सिंह पोर्ते की पुत्री अर्चना पोर्ते आदिवासी शिक्षा एवं शोध संस्थान की अध्यक्ष हैं और इसी बैनर से आज का यह कार्यक्रम आयोजित की गई है। इस कार्यक्रम के माध्यम से पोर्ते परिवार अपनी जमीन तलाशने का भी प्रयास करेगा। आज के कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुइया उईके ने साफ रूप से कहा कि भंवर सिंह पोर्ते मेरे राजनीतिक गुरू थे। पेंड्रा-गौरेला और मरवाही क्षेत्र में जो भी विकास के कार्य आज दिखाई दे रहा है वह स्व. पोर्ते की रखी हुई नींव के बदौलत ही है। आदिवासी समाज के लिए वे सदैव समर्पित रहे। इसी लिए छत्तीसगढ़ ही नहीं मध्यप्रदेश में भी उन्हें आदिवासियों के मसीहा के रूप में जाना जाता था।

अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंद कुमार साय ने कहा कि आयोग के माध्यम से पूरे देश में आदिवासियों के हित को लेकर बहुत से कार्य किए जा रहे हैं फिर भी आदिवासी समाज का जिस तरह से विकास सभी क्षेत्रों में होना चाहिए वैसा नहीं हुआ है। आदिवासी समाज का शोषण न हो इस बात का ध्यान हम रखते हैं। कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले 46 लोगों को राज्यपाल के हाथों सम्मानित करवाकर सभी वर्ग के लोगों को साधने का प्रयास किया गया।

कार्यक्रम में हेमवंत सिंह पोर्ते, समीरा पैकरा, बृजलाल राठौर, महेंद्र सोनी, कल्लू राजपूत, मनीष दुबे, नान्हू शुक्ला, शिव गुप्ता, किशन ठाकुर, शिव प्रसाद राय, गोविंद गुप्ता, रिंकू सरदार, छोटेलाल सोनी, विष्णु अग्रवाल, प्रमोद कतलम, प्रीति पोर्ते, श्रीमती मीनाक्षी, वासूदेव ध्रुवे, यशवंत पोर्ते, बीरबल सिंह, रामू टेकाम, सुशीला यादव, यशोदा मरावी, सचिन जैन, क्रांति दुबे, अभय वर्मा, ब्रिजेंद्र सिदार, विजय पोर्ते सहित बड़ी में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मथुरा प्रसाद सोढ़ी ने और आभार प्रदर्शन शंकर कंवर ने किया।

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